भोपाल। क्या स्कूल एक बार फिर बंद होंगे! यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि भीषण गर्मी में लग रहे स्कूलों पर अभिभावकों की शिकायतें बढ़ती जा रहीं हैं। इतना ही नहीं, मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने तो गर्मी में स्कूल चलाने की शिकायत और बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूलों का संचालन बंद किए जाने की मांग पर मध्यप्रदेश लोक शिक्षण संचालनालय को बाकायदा नोटिस भी जारी कर दिया है. अभिभावक गर्मी के कारण स्कूल बंद करने और बेहद जरूरी होने पर ऑनलाइन क्लासेस लगाने की मांग कर रहे हैं।
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मध्यप्रदेश में इन दिनों भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है। ऐसी गर्मी में भी प्रदेश भर में प्राइवेट स्कूल लग रहे हैं जबकि सरकारी स्कूल बंद हैं. अभिभावक प्राइवेट स्कूल भी बंद करने की मांग कर रहे हैं। अभिभावकों की शिकायत के बाद स्कूल शिक्षा मंत्री ने कुछ दिन पहले 15 अप्रैल से स्कूल बंद करने की बात कही थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अभिभावकों की शिकायत के बाद भोपाल के कलेक्टर अविनाश लवानिया ने आदेश जारी कर स्कूलों का समय सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे कर दिया है। इसके बाद भी बच्चे दोपहर 1 से 2 बजे तक ही घर पहुंच पा रहे हैं। दोपहर की यह चिलचिलाती धूप उनके लिए नुकसानदायक साबित हो रही है।
ऐसे में इंदौर के एक अभिभावक ने मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग में भीषण गर्मी में प्राइवेट स्कूल लगाने की शिकायत करते स्कूलों का संचालन बंद करने की मांग की है। अभिभावक ने आयोग को लिखे पत्र में कहा है कि वर्तमान में भीषण गर्मी पड़ रही है। दिन का तापमान 44 डिग्री तक पहुंच रहा है। इतनी तेज गर्मी में भी स्कूलों का संचालन किया जा रहा है, जिससे बच्चे बीमार हो रहे हैं. यह कार्य मासूम बच्चों पर अत्याचार है व इससे उनके मानव अधिकारों का हनन भी हो रहा है। गर्मी के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है वे उल्टी-दस्त, लू-बुखार, सिरदर्द, कमजोरी, डिहाईड्रेशन, चिड़चिड़ापन आदि समस्याओं से ग्रसित हो रहे हैं। इसलिए स्कूलों का संचालन बंद कराया जाना चाहिए। आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार जैन ने इस शिकायत पर संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश लोक शिक्षण संचालनालय के आयुक्त अभय वर्मा और भोपाल व इंदौर कलेक्टर को नोटिस दिया है. इन सभी से चार मई तक जवाब मांगा गया है।