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मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर की बेटी दिव्या काकरान के बर्मिंघम कामन वेल्थ गेम्स में ब्रांज जीतने से परिवार में खुशी का माहौल है। देश की राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर शुभकामनाएं दी हैं। दिव्या के गांव पुरबालियान सहित जिले के लोग रात से ही प्रफुल्लित हैं। दिव्या के दिल्ली स्थित आवास पर भी जश्न मना। पिता सूरज सेन पहलवान ने दिव्या के हासिल किये ब्रांज मेडल को देश की धरोहर बताया। उन्होंने कहा कि देशवासियों तथा प्रशंसकों की सपोर्ट के बिना सफलता संभव नहीं।
दादा राजेन्द्र सिंह को दिव्या पर नाज
शुक्रवार देर रात नाईजीरियाई पहलवान से हुए मुकाबले के शुरुआती उतार चढाव के बाद आखिरकार दिव्या काकरान ने बर्मिंघम अखाड़े में अपने आपको साबित कर ही दिया। जीत के बाद से ही जिले में जश्न का माहौल है। दिव्या के परिवार में भी इस उपलब्धि के प्रति खासा उतसाह है। 68 किग्रा भार वर्ग में दिव्या ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए देश का नाम रोशन किया है।
दिव्या के पिता सूरज सेन पहलवान का कहना है कि उसकी सफलता में देश वासियों की दुआओं का बहुत योगदान है। उन्होंने कहा कि दिव्या की सफलता पूरे देश की सफलतता है। दादा राजेन्द्र सिंह पौती की कामयाबी पर फूले नहीं समा रहे। कहते हैं कि उन्हें दिव्या पर नाज है। ऊपर वाला ऐसी संतान हर किसी को दे। उन्होंने कहा कि दिव्या जैसे जैसे सफलता के पग चल रही है, उससे जनपद और देश की युवा पीढ़ी को नई ऊर्जा और प्रेरणा मिल रही है।
उतार चढाव पर अटका रहा दिल
शुक्रवार को बर्मिंघम कामन वेल्थ गेम्स में दिव्या पहलवान की कुश्ती को लेकर दिन भर गहमा गहमी रही। कुश्ती मैच स्थगित होने से प्रशंसकों की सांसे अटकी रही। मुकाबले शुरू हुए तो प्रशंसक खुश दिखाई दिये। महिला कुश्ती के 68 किग्राम भार वर्ग में दिव्या काकरान काे पहले मुकाबले में बाई मिल गई थी।
लेकिन दूसरे मुकाबले में नाईजीरिया की पहलवान से वह हार गई। दिव्या के इस मुकाबले में हारने से प्रशंसक काफी मायूस हुए। इसके बाद तीसरा मुकाबला केमरून की पहलवान एन गिरी से हुआ जिससे दिव्या को पिन फाल से 2 अंक मिले। इन दो अंकों ने दिव्या को सफलता दिलाई और ब्रांज मेडल का हकदार बना दिया। कई मुकाबलों के दौरान आए उतार चढाव पर प्रशंसकों का दिल अटका रहा।