हवा में उड़कर आया है ये जैन मंदिर, नींव ना मिलने से वैज्ञानिक भी हैरान, यहां जानें रहस्य

This Jain temple has come flying in the air, scientists are also surprised by not getting the foundation, know the secret here
This Jain temple has come flying in the air, scientists are also surprised by not getting the foundation, know the secret here
इस खबर को शेयर करें

भारत में एक से बढ़कर एक चमत्कारी और अनोखे मंदिर मौजूद है। वहीं देश का दिल कहलाए जाने वाले मध्य प्रदेश भी चमत्कारी मंदिरों को लेकर काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। यहां कई धार्मिक स्थल है जहां की मान्यता काफी ज्यादा है। दूर-दूर से लोग भगवान के दर्शन के लिए आते हैं और मन्नत मांगते हैं। इतना ही नहीं वैज्ञानिक भी इनके रहस्य को जानकर हैरान रह जाते हैं और आज तक वह इन मंदिरों रहस्य को ना तो सुलझा पाए है और ना ही इसका पता लगा पाए है।

आज हम मध्यप्रदेश के ऐसे चमत्कारी और रहस्यमयी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो बेहद खूबसूरत होने के साथ-साथ पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। यह मंदिर जैन समुदाय का है। इंदौर से कुछ ही किलोमीटर दूर पर स्थित ये मंदिर बनेडिया गांव में बनेडिया जी के नाम से मशहूर है। चलिए जानते हैं इस मंदिर की रहस्य्मयी कहानी और चमत्कार के बारे में –

इंदौर के करीब मौजूद बनेडिया जी मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि ये मंदिर अनोखे मंदिर में से एक है। इसके अपने कुछ रहस्य है। कहा जाता है कि इस मंदिर को किसी ने नहीं बनाया ये खुद उड़ कर आया है इसलिए इस मंदिर की नींव नहीं है। जब इस बात का पता लगाने के लिए इंजीनियर की टीम ने मंदिर की खुदाई की लेकिन यहां कोई परिणाम नहीं मिले। जिससे टीम चौंक गई। ऐसे में जो बात गांव वालों ने टीम को बताई थी फिर वह उन्हें सच लगने लगी। क्योंकि इस मंदिर की नींव नहीं मिली। ऐसे में टीम के लोग सोच में पढ़ गए की मंदिर को बिना नींव के कैसे बनाया गया होगा। क्योंकि ये मंदिर बड़े क्षेत्र फल को कवर करते हुए खड़ा हुआ है।

ऐसी है मान्यता –
कहा जाता है कि बनेडिया जी मंदिर में भक्तों की भीड़ अक्सर देखने को मिलती है। ये मंदिर भक्तों को आकर्षित करता है। देश ही नहीं विदेशों से भी यहां पर्यटक आते हैं। वहीं इस मंदिर के बारे में जानने में भी काफी ज्यादा उत्सुक रहते हैं।

लोगों द्वारा बताया जाता है कि इस मंदिर को एक ऋषि अपने साथ ले जा रहे थे लेकिन तब अचानक वह इस मंदिर को साइड में रख कर तपस्या में लीन हो गए। उन्होंने शाम तक इस मंदिर को नहीं उठाया और वह उसी जगह तपस्या करते रहे।

ऐसे में ये मंदिर उसी जगह पर स्थाई हो गया। यह भव्य मंदिर अष्टकोणीय है। इस मंदिर में एक भी खंबे नहीं है। खास बात ये है कि इस मंदिर में जैन समुदाय के पूजनीय भगवान अजीतनाथजी के मूर्ति स्थापित है। वहीं 6 से 8 फीट मोटी दीवारों से बना हुआ ये मंदिर बेहद ही चमत्कारी है।