New Trains For Lower Income Groups: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के कार्यकाल में यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए तमाम तरह के फैसले किये जा रहे हैं. पिछले दिनों रेलवे की वीआईपी कल्चर को बंद करने के बाद अब रेलवे बोर्ड ने एक और बड़ा फैसला किया है. रेलवे अधिकारियों की तरफ से बताया गया कि भारतीय रेलवे (Indian Railways) निम्न आय वर्ग वाले यात्रियों के लिए ट्रेनें शुरू करने के लिए तैयार है. ये ट्रेनें मुख्य रूप से ऐसे यात्रियों के लिए होंगी जो शारीरिक मजदूर के रूप में काम करते हैं.
रेलवे के अधिकारी ने बताया कि ये विशेष नहीं बल्कि स्थायी ट्रेनें हैं, जिनका मकसद श्रमिक वर्ग के यात्रियों को आसानी से यात्रा करने में मदद करना है.’ अधिकारी ने बताया कि यह सेवा अगले साल से शुरू होने की उम्मीद की जा रही है. अधिकारी ने बताया कि लिंके हॉफमैन बुश (LHB) कोच वाली ट्रेनों में स्लीपर और सामान्य दोनों श्रेणी की सर्विस होंगी. अधिकारी ने यह भी साफ किया ये कम किराये वाली ये ट्रेनें पूरी तरह से गैर-वातानुकूलित होंगी.
नौ महीने में करीब 20,000 किमी नए ट्रैक जोड़े गए
एक दूसरे अधिकारी ने बताया कि रेलवे की तरफ से ऐसे मार्गों की पहचान करने के लिए अध्ययन किया गया था, जहां सबसे कम आय वर्ग के यात्री आते थे. इस दौरान वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों की बढ़ती संख्या के बारे में भी पता चला. उन्होंने कहा, ‘इसके आधार पर, बिहार, छत्तीसगढ़, गुवाहाटी, पंजाब, मध्य प्रदेश, ओडिशा और असम की ट्रेनों में कम आय वर्ग के यात्रियों की संख्या ज्यादा होने की जानकारी मिली है.’ इस तरह की विशिष्ट सेवाओं को शुरू करने के लिए पिछले नौ महीने में करीब 20,000 किमी नए ट्रैक जोड़े गए हैं.
इन ट्रेनों को अभी कोई नाम नहीं दिया गया
हालांकि रेलवे की तरफ से इन ट्रेनों को अभी कोई नाम नहीं दिया गया है. रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि ज्यादातर अकुशल श्रमिक, कारीगर, मजदूर, नौकरी चाहने वाले विभिन्न राज्यों से महानगरों और अन्य बड़े शहरों की यात्रा करते हैं. मौजूदा समय में ये यात्री मेल / एक्सप्रेस ट्रेनों से जुड़े सामान्य डिब्बों में यात्रा करते हैं, जिनमें कम से कम दोगुनी संख्या में यात्री भरे होते हैं. इन ट्रेनों के शुरू होने से उन्हें सुविधा ही मिलेगी.’ उन्होंने उम्मीद जताई कि टिकट की कीमतें वही रहेंगी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि इस पर फैसले होना अभी बाकी है.
इन ट्रेनों में 22 से 26 कोच होंगे और इन्हें नियमित समय सारणी में शामिल किया जाएगा. इससे यात्री पहले से अपना टिकट बुक करा सकेंगे. अगले 5 से 7 साल में नेटवर्क में केवल दो प्रकार के कोच (कुल 28 प्रकार में से) रखने का भी फैसला लिया गया है. ‘आने वाले पांच सालों में रेलवे के पास केवल एलएचबी (LHB) और वंदे भारत कोच होंगे. रेलवे के पास फिलहाल 50,000 कोच हैं. इनमें से करीब 20,000 आईसीएफ कोच हैं. अधिकारियों ने कहा कि रेलवे यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने और यात्रा को ज्यादा सुविधाजनक बनाने के मकसद से अगले पांच साल में एलएचबी कोच में संशोधन पर भी काम हो रहा है.