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How Sri Lanka sleepwalked over a debt cliff: श्रीलंका ने आईएमएफ (IMF) से हासिल 330 मीलियन डॉलर के ऋण (Loan) की पहली किश्त का इस्तेमाल भारत का कर्ज चुकाने के लिए किया. देश के वित्त मंत्री रंजीत सियामबलापितिया (Ranjith Siyambalapitiya) ने मीडिया को बताया कि भारत से लिए गए कर्ज को चुकाने के लिए 120 मिलियन डॉलर का इस्तेमाल किया गया. राज्य मंत्री ने कहा, हाल ही में भारत ने दवा और ईंधन सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं के आयात के लिए उसके देश को कर्ज दिया था. इस कर्ज के कुछ अंश को गुरुवार को निपटाना था, जो हमने उसी दिन चुका दिया.
समय पर लोन चुकाना हमारा फर्ज: रंजीत सियामबलापितिया
रंजीत सियामबलापितिया ने कहा, यह जरूरी है कि हम कर्ज चुकाने की समय सीमा का पालन करें. आर्थिक संकट (Sri Lanka financial crisis) के बाद और श्रीलंका अपने कर्जो का भुगतान नहीं कर पा रहा था. पिछले साल अप्रैल में भारत ने श्रीलंका को 4 बिलियन डॉलर से अधिक की वित्तीय सहायता प्रदान की. भारत भी उन पहले देशों में से एक था जिसने इसी दक्षिणी पड़ोसी देश को आईएमएफ बेलआउट प्राप्त करने में मदद की.
आईएमएफ ने शर्तों पर दिया लोन
आईएमएफ ने लंका को सशर्त ऋण देने पर सहमति व्यक्त की है, जो 48 महीनों की अवधि के भीतर वापस किया जाएगा. गौरतलब है कि देश में आवश्यक वस्तुओं की कमी के साथ पिछले साल लोग भोजन, ईंधन और दवा की खरीदारी के लिए मजबूरी में लंबी कतारों में सड़कों पर उतर आए थे.
देश छोड़ भागे थे गोटबाया
जनता के आक्रोश से बचने के लिए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को देश से भागने को मजबूर होना पड़ा था. उसके बाद देश की कमान रानिल विक्रमसिंघे ने संभाली थी.