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लखनऊ। छोटे शहरों को अब आपात स्थिति में पीक आवर्स में बिजली आपूर्ति हो सकेगी। पावर कार्पोरेशन प्रबंधन इनवर्टर की तरह प्रदेश में बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम लगाने की तैयारी कर रहा है। प्रदेश के 22 ट्रांसमिशन उपकेंद्रों में से पांच को इसके लिए चुना गया है। इन उपकेंद्रों में 10 मेगावाट क्षमता के बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम लगाए जाएंगे।
फिलहाल इसके लिए इटावा, हाथरस, अलीगढ़, मथुरा और गाजियाबाद के ट्रांसमिशन उपकेंद्रों का चयन किया गया है। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने इस परियोजना को हरीझंडी दे दी है। इस सिस्टम के चालू हो जाने के बाद बिजली कं पनियों पर पीक आवर्स में महंगी बिजली खरीद का बोझ कम होगा।
छोटे शहरों में खास तौर पर पीक आवर्स में बिजली की किल्लत दूर करने के लिए पावर कार्पोरेशन ने बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम लगाने की परियोजना के लिए नियामक आयोग में याचिका दाखिल की थी। पहले चरण में 10-10 मेगावाट के पांच प्रोजेक्ट लगाने का प्रस्ताव है। सुबह और शाम चार-चार घंटे की चार्जिंग के बाद इस सिस्टम से आपूर्ति की जा सकेगी।
नियामक आयोग ने पावर कार्पोरेशन की इस याचिका को मंजूरी दे दी है। अधिकारियों के मुताबिक दिन में जब सस्ती उपलब्ध रहेगी तब स्टोरेज सिस्टम को चार्ज किया जाएगा और शाम को पीक आवर्स में इससे आपूर्ति की जाएगी। नियामक आयोग की ओर से जारी आदेश केअनुसार परियोजना प्रतिस्पर्धात्मक बिडिंग के माध्यम से लगाई जाएगी।
शुरू में इस परियोजना को लगाने में ऐसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी जहां राजस्व ज्यादा मिल रहा है। टेंडर सफल होने वाली फर्म के लिए एक अनिवार्य शर्त यह रखी गई है कि अगर बैटरी एनर्जी स्टोरेज की उपलब्धता 70 प्रतिशत से कम रही उस पर पेनल्टी लगाई जाएगी।
नई तकनीक की इस परियोजना पर प्रति मेगावाट लगभग छह करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है यानी 10 मेगावाट के सिस्टम पर 60 करोड़ रुपये खर्च आएगा। यूपी बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम की तरफ कदम बढ़ाने वाला पहला राज्य होगा।
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने इस परियोजना को मंजूरी दिए जाने पर नियामक आयोग के अध्यक्ष आर.पी. सिंह और पावर कार्पोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज के प्रति आभार जताते हुए कहा कि उम्मीद है कि आने वाले समय में बड़े पैमाने पर प्रदेश में यह सिस्टम लगेगा तो बिजली कंपनियों को पीक आवर्स में महंगी बिजली नहीं खरीदनी पडे़गी और छोटे शहरों के उपभोक्ताओं को पर्याप्त बिजली मिल सकेगी।