‘इस ग्रह पर मिला पानी’ वैज्ञानिकों को मिली बड़ी कामयाबी, दूसरे ‘ग्रह’ पर मिला पृथ्वी जैसा पानी

इस खबर को शेयर करें

क्या हमारी पृथ्वी पर मौजूद पानी इस ब्रह्मांड में कहीं और मौजूद है? एक नये अध्ययन से यह संकेत मिला है. अध्ययन में कहा गया है कि पृथ्वी से लगभग 50 प्रकाश वर्ष दूर एक छोटे तारे की परिक्रमा कर रहे एक एक्सोप्लैनेट में हमारे जीवन के लिए आवश्यक पानी हो सकता है। गौरतलब है कि वे ग्रह जो हमारे सूर्य की नहीं, बल्कि किसी अन्य तारे की परिक्रमा करते हैं, एक्सोप्लैनेट कहलाते हैं। जिस एक्सोप्लैनेट में पानी होने की भविष्यवाणी की गई है उसे एलएचएस 1140बी कहा जाता है।

वैज्ञानिकों ने एक्सोप्लैनेट एलएचएस 1140बी की खोज साल 2017 में की थी। तब से इसे कई दूरबीनों के जरिए देखा जा चुका है। शोधकर्ता अब जानते हैं कि एलएचएस 1140बी एक चट्टानी ग्रह है और हमारी पृथ्वी से लगभग 1.7 गुना चौड़ा है।अब तक के सभी अवलोकनों से एक और बात सामने आई है। एलएचएस 1140बी पर्याप्त सघन नहीं है। इसका मतलब है कि इसमें बहुत सारा पानी या हाइड्रोजन और हीलियम जैसे तत्व होने चाहिए।

हालाँकि, शोधकर्ताओं को अभी भी नहीं पता है कि दोनों के बीच क्या हो सकता है। हालांकि, आने वाले सालों में इस राज से पर्दा उठ सकता है। जेम्स वेब टेलीस्कोप जैसी शक्तिशाली दूरबीनों के जरिए यह पता लगाया जा सकता है कि अगर एलएचएस 1140बी में पानी की दुनिया है, तो यह हमारे सौर मंडल के बाहर जीवन की खोज में एक्सोप्लैनेट वैज्ञानिकों की पहली पसंद हो सकती है। यह अध्ययन द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में प्रकाशित हुआ था।हाल ही में, एक अन्य रिपोर्ट से पता चला है कि तरल पानी विभिन्न परिस्थितियों में भी, अरबों वर्षों तक एक्सोप्लैनेट की सतह पर मौजूद रह सकता है। यह जानकारी बर्न विश्वविद्यालय, ज्यूरिख विश्वविद्यालय और नेशनल सेंटर फॉर रिसर्च कॉम्पिटेंस (एनसीसीआर) के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में प्रदान की गई थी।