जयपुर:राजस्थान के साढ़े 5 लाख कर्मचारियों के ओल्ड पेंशन स्कीम पाने के सपने पर जहां फिलहाल ब्रेक लगता दिखाई दे रहा है। वहीं इस मुद्दे पर सियासत भी हावी हो गई है। दरअसल केंद्र के अधीन आने वाली पेंशन विधि विनियामक और विकास प्राधिकरण यानी पीएफआरडीए (PFRDA) ने न्यू पेंशन स्कीम के दायरे में आने वाले राज्यांश और कर्मचारियों के अंशदान का 39 हजार करोड़ रुपए लौटाने से साफ इनकार कर दिया है। लिहाजा प्राधिकरण के इस फैसले के बाद केंद्र और राज्य सरकार की तनातनी बढ़ती दिखाई दे रही हैं। हालांकि सरकार की तरफ से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन पेंशन के मुद्दे को लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस- भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति शुरू हो गई है। पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
डोटासरा ने इस मुद्दे पर सीधे पीएम मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि “मोदी जी राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों से आपको क्या तकलीफ है आप इनके हद के रास्ते में चाहे जितने रोड़े अटका धूप लेकिन आप उनसे इनका हक नहीं छीन सकते”। इधर पूरे मामले में उपनेता प्रतिपक्ष और राजस्थान बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ ने पलटवार करते हुए गहलोत सरकार के ओपीएस लागू करने के फैसले को आधी- अधूरी तैयारी करार दिया है। राठौड़ ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि आधी अधूरी तैयारी और बिना व्यापक विचार-विमर्श के राज्य के 5 लाख से ज्यादा कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) लागू करने की घोषणा अब गहलोत सरकार के गले की फांस बन गई है।
न्यू पेंशन स्कीम में दिए गए अंशदान को राज्य सरकार विड्रॉ करने में दरख्वास्त की थी। 2 मई को इसके जवाब में पीएफआरडीए एक्ट 2013 व पीएफआरडीए रेगुलेशन 2015 का हवाला देते हुए प्राधिकरण ने इसे देने से साफ इनकार कर दिया। पत्र में राजस्थान के वित्त विभाग ने यह भी जानकारी दी थी कि राज्य सरकार ने 1 जनवरी 2004 के बाद से एनपीएस के दायरे में आ रहे कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम यानी ओपीएस को लागू किया है, इसलिए कर्मचारियों के न्यू पेंशन स्कीम में दिए गए अंशदान को राज्य सरकार विड्रॉ करना चाहती है।
राज्य सरकार जा सकती है सुप्रीम कोर्ट
माना जा रहा है कि प्राधिकरण की ओर से न्यू पेंशन स्कीम में दिए गए राज्यांश को लौटाने से इनकार किए जाने के बाद अब राज्य सरकार इसके लिए सुप्रीम कोर्ट जा सकती है।राज्य सरकार ने 1 अप्रैल न्यू पेंशन स्कीम के तहत कटौती बंद कर दी है। सरकार राज्य के रूप में हर साल 2000 रुपये एनपीएस में जमा करवा रही थी, यदि पीएफआरडीए राशि नहीं लौटाती है तो भी राज्य सरकार कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन दे सकती है, हालांकि प्राधिकरण के ओर से राज्य सरकार को पैसा लौटाने से इनकार किए जाने के बाद कर्मचारी दुविधा में है। फिलहाल राज्य सरकार इस मामले में विधिक राय ले रही है।