हरियाणा में शुरू होने वाली कांग्रेस की ‘हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा’ की क्या हैं राजनीतिक मायने, समझें पूरा गणित

What is the political meaning of Congress's 'Hath Se Hath Jodo Yatra' starting in Haryana, understand the complete math
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नई दिल्ली: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 23 अगस्त 2022 को AICC यानी All India Congress Committee के मुख्यालय से भारत जोड़ो यात्रा का लोगो, वेवसाइट, और टैगलाइन लॉन्च किया, उसके बाद 7 सितंबर 2022 को कन्याकुमारी से राहुल गांधी ने इस यात्रा की शुरुआत की. करीब 3570 किलोमीटर लंबी और 150 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा की शुरुआत भारत जोड़ने की बात बोलकर की गई थी. फिलहाल राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा लगभग अपने आखिरी पड़ाव में कश्मीर पहुंच चुकी है. बीते दिनों कांग्रेस पार्टी से जुड़ी एक और खबर सामने आई, हरियाणा राज्य कांग्रेस कमेटी हाथ से हाथ जोड़ो अभियान शुरू करने जा रही है. इस खबर को सुनकर आपके मन में एक सवाल जरूर कौंधती होगी कि जब पहले ही पार्टी में एक बड़ा इवेंट चल रहा है तो फिर कांग्रेस एक और इवेंट को क्यों लॉन्च कर रही है? आपके इसी सवाल के गणित को इस आर्टिकल में समझाने की कोशिश की गई है.

क्या हैं ‘हाथ से हाथ जोड़ो अभियान’ के राजनीतिक मायने
बीते 10 जनवरी को खबर आती है कि कांग्रेस पार्टी 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस से हरियाणा में एक नए कार्यक्रम की शुरूआत करने वाली है, जिसका नाम होगा ‘हाथ से हाथ जोड़ो अभियान’. मीडिया में खबर चलती है कि हरियाणा के सात जिलों में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की सफलता देखते हुए पार्टी ने यह निर्णय लिया गया है. बात एकदम सपाट तरीके से बोल दी गई. लाजमी भी है, कोई भी पार्टी अपने वोटर्स तक पहुंचने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाती है. लेकिन कांग्रेस का ये अभियान कई और पहलुओं की ओर इशारा करती है.