कोर्ट में केजरीवाल ने दी दलील तो ED ने उडा दी धज्जियां, निकाली सारी ईमानदारी…जज ने बढा दी रिमांड

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल को गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय ने स्पेशल कोर्ट में पेश किया. यहां ईडी ने फिर केजरीवाल की सात दिन की हिरासत मांगी है. ईडी का कहना था कि केजरीवाल पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं. उनका एक अन्य आरोपी से आमना-सामना करवाना है.

वहीं, अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी पर सवाल उठाए थे. उन्होंने पूछा- मुझे गिरफ्तार क्यों किया गया है? मेरे खिलाफ कोई आरोप नहीं है. क्या मेरी गिरफ्तारी के लिए कोई पर्याप्त आधार है? किसी कोर्ट ने अब तक मुझे दोषी नहीं माना है, फिर मुझे क्यों गिरफ्तार किया गया है? मेरे खिलाफ कोई आरोप नहीं है. इसके बावजूद केजरीवाल को कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली. अदालत ने केजरीवाल की रिमांड 1 अप्रैल तक बढ़ा दी है.

बता दें कि दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. केजरीवाल को कोर्ट ने सात दिन की कस्टडी में भेजा था. आज उनकी कस्टडी समाप्त होने जा रही थी. इस पर ईडी ने उन्हें दिल्ली की राउज एवेंन्यू स्थित विशेष अदालत में पेश किया. कोर्ट ने केजरीवाल की रिमांड 4 दिनों के लिए और बढ़ा दी. अब ईडी को अब केजरीवाल की रिमांड 1 अप्रैल तक मिल गई है.

पढ़ें अदालत में क्या-क्या सवाल-जवाब हुए?

– केजरीवाल ने कहा कि हम ईडी अधिकारियों का धन्यवाद देना चाहता हूं. हम सहयोग कर रहे हैं. ये केस दो-ढाई साल से चल रहा है. मैं कुछ बोलना चाहता हूं. कोर्ट ने इजाजत दी.

– मेरा नाम क्यों आया, ये बताना चाहूंगा. मुझे गिरफ्तार किया गया. ना किसी कोर्ट में मुकदमा चला. 31000 पेज की चार्जशीट फाइल हो चुकी है. टोका-टोकी होने पर केजरीवाल ने कहा- मुझे बोलने दीजिए. मेरा नाम चार जगह आया. सी अरविंद ने मेरे घर पर सिसोदिया को डॉक्यूमेंट्स दिए- ये आरोप है. मेरे घर सैकड़ों लोग आते हैं. क्या इस आरोप में मुझे गिरफ्तार किया जा सकता है?

– कोर्ट ने कहा कि आप लिखित में बयान दीजिए.

-केजरीवाल ने आगे कहा, दूसरा मंगुटा श्रीनिवासन के बारे में कहना चाहेंगे. वो मेरे घर जमीन की बात करने आए थे कि हम ट्रस्ट खोलना हैं. हमने कहा- आप प्रस्ताव दीजिए. हम एलजी को देंगे. फिर ईडी ने श्रीनिवास के घर छापा डाला और जब बेटा गिरफ्तार हुआ तो बाप टूट गया.

– केजरीवाल – श्रीनिवास जब स्टेटमेंट बदल देते हैं तो जमानत मिल जाती है. ईडी का मकसद हमें फंसाना था.

– ईडी की 25000 पेज की फाइल है, उसमें केजरीवाल के खिलाफ वाला स्टेटमेंट लगाया जाता है. फेवर वाला नहीं. राघव मंगुटा के सात स्टेटमेंट हुए. 6 में मेरा नाम नहीं, सातवें में जब मेरे खिलाफ बयान देते हैं तो जमानत मिल जाती है.

– शराब घोटाले का पैसा कहां है? 100 करोड़ का आरोप लगाया जा रहा है. जस्टिस संजीव खन्ना का ऑर्डर है, जिसमें कहा गया कि मामला संदेहास्पद है. जो रिश्वत की बात की, वो संदेह में है. शरत रेड्डी के 9 स्टेटमेंट हुए. 8 में मेरे खिलाफ नहीं बोलता. जब 9वें में मेरे खिलाफ बोलता है तो उसे जमानत मिल जाती है.

– ईडी के जांच के दो मकसद हैं- स्मोक क्रिएट करना और धमकी देकर पैसा इकट्ठा करना. शरत रेडी ने 55 करोड़ का चंदा दिया. ईडी का मकसद है कि AAP पार्टी को खत्म करना.

– 55 करोड़ देने के बाद शरत रेड्डी को बेल दिया. अरेस्ट होने के बाद बीजेपी को 55 करोड़ का चंदा शरत रेड्डी ने दिया. जांच का मकसद था पैसा वसूल करना. स्मोक स्क्रीन क्रिएट करना और AAP को क्रश करना.

– इलेक्टोरल बॉन्ड की कॉपी कोर्ट को दीजिए. जितना दिन ईडी अपनी कस्टडी में चाहे- रखे. हम जांच के लिए तैयार हैं.

ईडी ने कहा, हवाला के जरिए पैसा गोवा चुनाव में दिया गया. अभी ये मामला जांच के स्टेज पर है. यहां ट्रायल की बात कैसे हो सकती है.

आम आदमी पार्टी ने घूस लिया और इसका इस्तेमाल गोवा के चुनाव में किया. हमारे पास इस बात के दस्तावेज मौजूद हैं कि हवाला रूट के जरिए इन पैसों का इस्तेमाल गोवा के चुनाव में किया गया. अभी ये मामला जांच के स्टेज पर है. यहां ट्रायल की बात कैसे हो सकती है.

– जिस पैसे को बीजेपी को दिए जाने का आरोप लगा रहे हैं, उसका शराब घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है. इसमें कोई सांठ-गांठ(रिश्वत) का मामला नहीं है. केजरीवाल कोई सामान्य व्यक्ति नहीं है.

– हमारे पास इस बात के पक्के सबूत हैं कि अरविंद केजरीवाल ने 100 करोड़ की रिश्वत मांगी. अगर किसी पर दबाव बनाकर बयान लिया गया है तो यह ट्रायल से जुड़ा हुआ मामला है.

– केजरीवाल ने बड़े-बड़े वकीलों को सुनवाई के लिए लगा रखा है. यह सुविधा हर आदमी के पास नहीं होती है.

ASG राजू ने कहा, केजरीवाल ने अपने पास से बरामद मोबाइल फोन का पासवर्ड नहीं बताया है. अगर वो सहयोग नहीं करते है तो हमें उसे (तकनीकी रूप से) खोलना पड़ेगा. इसलिए हमें आगे की रिमांड की जरूरत है. वो सहयोग नहीं कर रहे हैं. वो सवालों के सीधे सीधे जवाब नहीं दे रहे है.