चुनावों के बाद फिर होगी कृषि कानूनों की वापसी? कृषि मंत्री ने…

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नई दिल्ली। निरस्त कृषि कानूनों को लेकर एक बार फिर से बीजेपी बनाम कांग्रेस की जंग छिड़ चुकी है. एक ओर जहां कृषि मंत्री के शनिवार को दिए गए बयान को लेकर कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी ने उत्तर प्रदेश और पंजाब में होने वाले विधान सभा चुनाव में हार के डर से फिलहाल कृषि कानून वापस ले लिए हैं लेकिन चुनाव के बाद बीजेपी की तरफ से फिर से इन कानूनों को किसानों पर थोपने की साजिश की जा रही है. वहीं दूसरी ओर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कांग्रेस की ओर से पैदा किए जा रहे भ्रम से सावधान रहने को कहा है.

कृषि कानूनों की वापसी का कोई प्लान नहीं
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को साफ किया कि सरकार की हाल में निरस्त किए गए कृषि कानूनों को वापस लाने की कोई योजना नहीं है और उन्होंने किसानों से इस मुद्दे पर कांग्रेस की ओर से पैदा किए जा रहे भ्रम से सावधान रहने का आग्रह किया. तोमर ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने का फैसला किया था.

बयान को लेकर मंत्री ने दी सफाई
कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र के नागपुर में एक कृषि कार्यक्रम में दिए संबोधन के दौरान इस मुद्दे पर उनकी टिप्पणियों को गलत समझा गया और उनकी मंशा वह नहीं थी जो दिखाया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘कार्यक्रम में मैंने कहा था कि हमने कृषि कानूनों पर एक कदम पीछे लिया है लेकिन सरकार किसानों की भलाई की दिशा में काम करने के लिए हमेशा आगे बढ़ती रहेगी. अत: इस मुद्दे पर कोई गलतफहमी नहीं होनी चाहिए और सरकार का कृषि कानूनों को फिर से लाने का कोई इरादा नहीं है.’

कांग्रेस पर बरस पड़े कृषि मंत्री
नरेंद्र तोमर ने अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए भ्रम फैलाने के नकारात्मक काम में शामिल होने के लिए कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि किसानों को इससे सावधान रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 2006 में आई स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू नहीं की थी. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 19 नवंबर को राष्ट्र को दिए संबोधन में राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर किसानों के एक साल लंबे चले आंदोलन को खत्म करने की कवायद में तीन विवादित कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की थी.

कांग्रेस ने पीएम मोदी से मांगी सफाई
कांग्रेस ने कृषि कानूनों को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के शनिवार को दिए गए एक बयान को साजिश का संकेत करार दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस पर अपना रुख साफ करने की मांग की है. कांग्रेस की उत्तर प्रदेश यूनिट के मीडिया संयोजक ललन कुमार ने रविवार को एक बयान में कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को नागपुर में एक कार्यक्रम में यह कहकर जाहिर कर दिया है कि उत्तर प्रदेश और पंजाब में होने वाले विधान सभा चुनाव में हार के डर से फिलहाल कृषि कानून वापस ले लिए गए हैं लेकिन चुनाव के बाद फिर इन कानूनों को किसानों पर थोपने की साजिश की जा रही है.

‘किसान विरोधी कानून फिर थोपेगी सरकार’
ललन कुमार ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिन कानूनों पर देश के किसानों से माफी मांगी और संसद में बिना चर्चा कराए इन कानूनों की वापसी का प्रस्ताव पारित कराया, उन्हीं कानूनों को कृषि मंत्री वापस लाए जाने का संकेत दे रहे हैं. प्रधानमंत्री अपने कृषि मंत्री के बयान पर अपना रुख साफ करें. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो यह माना जाएगा कि सरकार चुनाव के बाद फिर से किसान विरोधी कृषि कानून थोप देगी.’

कृषि मंत्री ने नागपुर में क्या कहा था ?
गौरतलब है कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को नागपुर में कृषि उद्योग प्रदर्शनी(Agriculture Industry Exhibition) के उद्घाटन के मौके पर अपने संबोधन में कहा था ‘हम कृषि कानून लेकर आए थे लेकिन कुछ लोगों को रास नहीं आया. वह 70 सालों की आजादी के बाद एक बड़ा सुधार था, लेकिन सरकार निराश नहीं है. हम एक कदम पीछे हटे हैं, आगे फिर बढ़ेंगे क्योंकि हिंदुस्तान के किसान इस मुल्क की रीढ़ की हड्डी हैं. जब रीढ़ मजबूत होगी तो देश मजबूत होगा.’