नई दिल्ली। World Arthritis Day 2022: सुबह उठने के साथ जोड़ों में दर्द, अकड़न और सूजन रोज़मर्रा के काम को मुश्किल बना देती है। जो लोग अर्थराइटिस से जूझ रहे होते हैं, वे इसी तरह की सूजन से डरते हैं, जो लंबे समय तक परेशान करती है और साथ ही जोड़ों व हड्डियों को कमज़ोर भी बनाती है। सही और असरदार इलाज के लिए ज़रूरी है कि अर्थराइटिस के लक्षणों को शुरुआत में ही पहचान लिया जाए और लाइफस्टाइल में सही बदलाव किए जाएं।
हाथ आमतौर पर अर्थराइटिस का शिकार बनते हैं। इसके लक्षणों की शुरुआत सुबह के समय जोड़ों में अकड़न और सूजन के साथ होती है। इस हिस्से का इस्तेमाल भी मुश्किल हो जाता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि जितनी जल्दी एक्शन लिया जाएगा, उतना ही हड्डियों और जोड़ों को नुकसान कम पहुंचेगा।
हाथ का अर्थराइटिस क्यों आम है?
हमारे हाथों में कई जोड़ होते हैं, इसलिए यह अर्थराइटिस की आम जगह है। हाथों में अगर अर्थराइटिस हो जाए, तो इससे दर्द, सूजन, अकड़न और उंगलियों का आकार बदल जाता है। अर्थराइटिस जैसे-जैसे बढ़ता है, आपके लिए रोज़मर्रा के काम करना भी मुश्किल हो जाता है। अगर इसका इलाज सही समय पर शुरू न किया जाए, तो स्थिति और खराब हो सकती है।
हाथों में होने वाले 3 तरह के अर्थराइटिस
कई तरह के अर्थराइटिस आपके हाथों को शिकार बना सकते हैं, इसमें ऑस्टियोअर्थराइटिस, रुमेटाइड अर्थराइटिस और सोरियाटिक अर्थराइटिस शामिल हैं। हाथों में ऑस्टियोअर्थराइटिस होने पर दर्द, अकड़न और अंगलियों का आकार बिगड़ जाता है। यह आमतौर पर अंगूठे के निचले हिस्से या फिर उंगलियों पर अटैक करता है। रुमेटाइड अर्थराइटिस एक क्रॉनिक इन्फलामेटरी बीमारी है, जिसमें जोड़ों में सूजन, दर्द, अकड़न और काम न कर पाना शामिल है। यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें हमारा इम्यून सिस्टम हमारे हेल्दी टिशूज़ पर हमला करना शुरू कर देता है। यह आमतौर पर कलाई के छोटे जोड़ों और उंगलियों के जोड़ों को प्रभावित करता है। वहीं, सोरियाटिक अर्थराइटिस, स्किन और जोड़ों को अटैक करता है।
हाथ के अर्थराइटिस के शुरुआती लक्षण क्या हैं
शुरुआती लक्षण कई तरह के कारक पर निर्भर करते हैं, जिसमें अर्थराइटिस का प्रकार, व्यक्ति की उम्र और जोड़े शामिल होते हैं। हाथ के अर्थराइटिस में लोग शुरुआत में जोड़ों में अकड़न खासतौर पर सुबह के वक्त, तेज़ दर्द और सूजन महसूस कर सकते हैं। प्रभावित जगह की स्किन पर जलन के साथ रेडनेस हो सकती है।
किन लोगों में बढ़ जाता है हाथों के अर्थराइटिस का ख़तरा
बुज़ुर्गों में हाथों के ऑस्टियोअर्थराइटिस का ख़तरा ज़्यादा होता है, लेकिन जिन लोगों की उम्र 30 से ज़्यादा है उनमें रुमेटाइड अर्थराइटिस का जोखिम बढ़ता है। जिन लोगों के हाथ या उंगलियां चोटिल हो चुकी हैं, उनमें भी इसका ख़तरा बढ़ता है। महिलाएं और मोटापे का शिकार लोग भी अर्थराइटिस का शिकार होते हैं।