उत्तराखंड ने कहा ‘वेलकम टूरिस्ट’, फूलों की घाटी समेत इन नजारों के दरवाज़े खुले

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देहरादून. उत्तराखंड में विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है फूलों की घाटी यानी वैली ऑफ फ्लावर आज बुधवार से पर्यटकों के लिए खोली जा रही है. यही नहीं, इसके साथ ही नैनीताल, ​ऋषिकेश और देहरादून के कई पर्यटन स्थल भी आज से शुरू किए जा रहे हैं. कोविड 19 संक्रमण की स्थितियों के मद्देनज़र यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल वैली ऑफ फ्लावर को ऑफ तकरीबन महीने भर की देर से खोला जा सका है यानी वैसे ही सीमित समय के लिए खुलने वाली इस वादी का आनंद लेने के लिए पर्यटकों को अब कम समय मिलेगा. वहीं, बीटल्स की यादों वाली चौरासी कुटिया समेत कई अन्य प्राकृतिक नजारों वाले पर्यटन स्थल खुल गए हैं.

महर्षि महेश योगी की भावातीन चौरासी कुटिया कोरोना कर्फ्यू के चलते बीते दो महीने से बंद पड़ी थी. ऋषिकेश में स्थित इस कुटिया को खोलने के लिए मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक जेएस सुहाग ने आदेश जारी किए और खबरों के मुताबिक राजाजी टाइगर रिज़र्व के अधिकारी ने इसकी पुष्टि की. यह वही कुटिया है, जहां 1968 में इंग्लैंड के प्रसिद्ध म्यूजिक बैंड बीटल्स के चारों सदस्य आए थे, ठहरे थे और यहां करीब 40 गीतों की रचना की थी.वहीं, वैली ऑफ फ्लावर के निदेशक अमित कंवर के हवाले से खबरों में बताया गया कि कैसे घाटी में खूबसूरत फूल खिले हैं और पर्यटकों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं.

महर्षि महेश योगी की भावातीन चौरासी कुटिया कोरोना कर्फ्यू के चलते बीते दो महीने से बंद पड़ी थी. ऋषिकेश में स्थित इस कुटिया को खोलने के लिए मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक जेएस सुहाग ने आदेश जारी किए और खबरों के मुताबिक राजाजी टाइगर रिज़र्व के अधिकारी ने इसकी पुष्टि की. यह वही कुटिया है, जहां 1968 में इंग्लैंड के प्रसिद्ध म्यूजिक बैंड बीटल्स के चारों सदस्य आए थे, ठहरे थे और यहां करीब 40 गीतों की रचना की थी.वहीं, वैली ऑफ फ्लावर के निदेशक अमित कंवर के हवाले से खबरों में बताया गया कि कैसे घाटी में खूबसूरत फूल खिले हैं और पर्यटकों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं.

वैली ऑफ फ्लावर को हर साल 1 जून से 31 अक्टूबर तक पर्यटकों के लिए खोला जाता रहा है. लेकिन इस साल कोरोना के कारण देर से खुली इस घाटी में नियमों के मुताबिक 72 घंटे पहले तक की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट पर्यटकों को साथ लाना होगी. अन्य नियमों का भी पालन करना होगा. फूलों की 300 प्रजातियों के लिए इस वैली में इस मौसम में कंवर के मुताबिक कम से कम 50 प्रजातियों के फूल शबाब पर हैं. इनमें ब्लू पॉपी और डैक्टिलॉर्ज़िया जैसे फूल खिल चुके हैं, जो विलुप्ति के कगार पर पहुंच चुकी प्रजातियां हैं.

वैली ऑफ फ्लावर को हर साल 1 जून से 31 अक्टूबर तक पर्यटकों के लिए खोला जाता रहा है. लेकिन इस साल कोरोना के कारण देर से खुली इस घाटी में नियमों के मुताबिक 72 घंटे पहले तक की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट पर्यटकों को साथ लाना होगी. अन्य नियमों का भी पालन करना होगा. फूलों की 300 प्रजातियों के लिए इस वैली में इस मौसम में कंवर के मुताबिक कम से कम 50 प्रजातियों के फूल शबाब पर हैं. इनमें ब्लू पॉपी और डैक्टिलॉर्ज़िया जैसे फूल खिल चुके हैं, जो विलुप्ति के कगार पर पहुंच चुकी प्रजातियां हैं.

4/ 5 इन पर्यटन स्थलों के अलावा नैनाताल में हिमालयी बॉटैनिकल गार्डन समेत चिड़ियाघर और वुडलैंड वॉटरफॉल जैसे पर्यटन स्थलों को भी बुधवार से खोला गया है. कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी पाए जाने के मद्देनज़र सैलानियों के लिए यह शुरुआत की गई है. उत्तराखंड के मुख्य वन संरक्षक के निर्देशों के बाद संबंधित क्षेत्रीय अधिकारियों ने इस बारे में निर्देश जारी किए हैं. इसी तरह देहरादून भी टूरिस्टों को वेलकम करने के लिए तैयार दिख रहा है.

इन पर्यटन स्थलों के अलावा नैनाताल में हिमालयी बॉटैनिकल गार्डन समेत चिड़ियाघर और वुडलैंड वॉटरफॉल जैसे पर्यटन स्थलों को भी बुधवार से खोला गया है. कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी पाए जाने के मद्देनज़र सैलानियों के लिए यह शुरुआत की गई है. उत्तराखंड के मुख्य वन संरक्षक के निर्देशों के बाद संबंधित क्षेत्रीय अधिकारियों ने इस बारे में निर्देश जारी किए हैं. इसी तरह देहरादून भी टूरिस्टों को वेलकम करने के लिए तैयार दिख रहा है.

देहरादून में वन क्षेत्राधिकारी अखिलेश रावत के मुताबिक खबरें कह रही हैं कि आनंदवन में नक्षत्र वाटिका, सीता वाटिका, ट्री हट के साथ ही युवाओं के लिए जिपलाइन, कमांडो नेट, बर्मा ब्रिज लैडर ब्रिज आदि भी दो महीने बाद खुल गए हैं. इसके अलावा 23 मार्च से बंद पड़े दून चिड़ियाघर के दरवाज़े भी अब पर्यटकों के लिए खुल गए हैं.

देहरादून में वन क्षेत्राधिकारी अखिलेश रावत के मुताबिक खबरें कह रही हैं कि आनंदवन में नक्षत्र वाटिका, सीता वाटिका, ट्री हट के साथ ही युवाओं के लिए जिपलाइन, कमांडो नेट, बर्मा ब्रिज लैडर ब्रिज आदि भी दो महीने बाद खुल गए हैं. इसके अलावा 23 मार्च से बंद पड़े दून चिड़ियाघर के दरवाज़े भी अब पर्यटकों के लिए खुल गए हैं.