उत्तराखंड मे 1 लाख रुपये में बिका इंजीनियरों का ईमान, रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

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देहरादून: लालच बुरी बला है। ऊपर की कमाई के चक्कर में लालची लोग अपना ओहदा भी गंवाते हैं, और इज्जत भी। अल्मोड़ा के दो इंजीनियरों के साथ भी यही हुआ। दोनों एक एनओसी देने के एवज में एक लाख रुपये की घूस लेते धर लिए गए। हल्द्वानी से आई विजिलेंस टीम ने लोक निर्माण विभाग के एनएच खंड रानीखेत (अल्मोड़ा) के अधिशासी अभियंता (ईई) महिपाल सिंह कालाकोटी और सहायक अभियंता (एई) हितेश कांडपाल को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा है। विजिलेंस के एसपी मुख्यालय धीरेंद्र गुंज्याल ने इस संबंध में जानकारी दी। पकड़े गए दोनों इंजीनियरों के खिलाफ अल्मोड़ा के रहने वाले शख्स ने शिकायत की थी। दरअसल पीड़ित को बार खोलने के लिए लोनिवि के एनएच खंड समेत अन्य विभागों से एनओसी चाहिए थी। दूसरे सभी विभागों ने एनओसी दे दी, लेकिन एनएच खंड के इंजीनियरों ने एनओसी लटका दी, ये दोनों अधिकारी शिकायतकर्ता को परेशान करने लगे। बाद में एनओसी जारी करने के एवज में आरोपियों ने रिश्वत मांगी।

शिकायत की पुष्टि होने पर गुरुवार को विजिलेंस टीम एसपी सतर्कता राजेश कुमार भट्ट के नेतृत्व में रानीखेत पहुंची। यहां जाल बिछाया गया। प्लानिंग के मुताबिक शिकायतकर्ता एनएच के दफ्तर पहुंचा, जहां उसने एक लाख की रिश्वत ईई को सौंपी। ईई ने यह रकम एई को सौंपी। तभी दोपहर साढ़े तीन बजे विजिलेंस की ट्रैप टीम ने दोनों इंजीनियरों को दबोच लिया। घूसखोरी में गिरफ्तार सहायक अभियंता हितेश कांडपाल 2014 से रानीखेत खंड में कार्यरत हैं। कांडपाल आयोग की परीक्षा के टॉपर भी रहे हैं। वहीं बात करें लोनिवि एनएच खंड रानीखेत के अधिशासी अभियंता एमपीएस कालाकोटी की तो वो अगले साल रिटायर होने वाले हैं। सोचा होगा रिटायरमेंट से पहले कुछ रकम जोड़ लें, लेकिन तरीका गलत था। दोनों आरोपी अब विजिलेंस की गिरफ्त में हैं। आरोपियों के घर और दफ्तर से विजिलेंस ने जरूरी फाइलें और दस्तावेज जब्त किए हैं। संपत्ति और बैंक खातों की जानकारी जुटाई जा रही है। आरोपियों को जल्द ही देहरादून विजिलेंस कोर्ट में पेश किया जाएगा।