खामखां मोदी से दुखी…इस ट्वीट से BJP में वापसी की चर्चा, शत्रुघ्न सिन्हा ने चुप्पी तोड़ी

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पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ में किए गए ट्वीट पर शत्रुघ्न सिन्हा ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि कमेंट को ह्यूमर (हास्य) के तौर पर लिया जाना चाहिए। कांग्रेस से बीजेपी में जाने की उनकी कोई इच्छा नहीं है।

‘हास्य के तौर मोदी की तारीफ’
बीजेपी से पटना साहिब के सांसद रहे और अब कांग्रेस के नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने दो दिन पहले पीएम मोदी के समर्थन में ट्वीट किया था। इससे अंदाजा लगाया गया कि बिहारी बाबू ‘घर वापसी’ के मूड में हैं। हालांकि उन्होंने इसे सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि उन्होंने ‘ये टिप्पणी ‘हास्य’ के तौर पर किया था। पार्टी बदलने की उनकी कोई इच्छा नहीं है।’ रविवार को हिन्दी में किए गए ट्वीट में उन्होंने कहा था कि
१. अपने दु:खों से दु:खी,
२. दूसरों के दु:ख से दु:खी,
३. दूसरों के सुख से दु:खी,
और
*New Variant*
४. बिना बात खामखां मोदी से दु:खी!”

‘मैं कांग्रेस नहीं छोड़ रहा हूं’
बिहारी बाबू के ट्वीट से अंदाजा लगाया जा रहा था कि वे कांग्रेस से नाराज हैं और बीजेपी में अपने लिए रास्ते तलाश रहे हैं। मगर उन्होंने अटकलों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि ‘यह मनोरंजन के लिए रविवार का हास्य था। मैं हर रविवार को मनोरंजन के लिए कुछ ट्वीट करता हूं और उनका कोई राजनीतिक अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए।’ न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में अभिनेता-राजनेता ने मुंबई से फोन पर कहा कि ‘न तो मुझे कांग्रेस छोड़ने और भाजपा में फिर से शामिल होने की कोई भावना है और न ही इस संबंध में कोई इच्छा है।’

मोदी और शाह पर करते थे टिप्पणी
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री के रूप में काम करने वाले शत्रुघ्न सिन्हा ने 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा छोड़ दी थी और कांग्रेस में शामिल हो गए थे। कांग्रेस की टिकट पर पटना साहिब से चुनाव हार गए, जबकि उससे पहले 2014 में वो बीजेपी के टिकट पर सांसद चुने गए थे। बीजेपी छोड़ने से पहले शत्रुघ्न सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ कई परोक्ष टिप्पणियां की थी। जिसमें अक्सर वो कहा करते थे कि बीजेपी ‘वन मैन पार्टी और टू मैन आर्मी’ बन गई है।

‘बीजेपी नेतृत्व से असहमति पर कायम’
लोकसभा चुनाव में खुद मात खा जाने और बिहार विधानसभा चुनाव में बेटे के हारने के बाद शत्रुघ्न सिन्हा को कांग्रेस में किसी भी महत्वपूर्ण भूमिका में नहीं देखा गया। मोदी पर उनकी हालिया टिप्पणी को राजनीतिक हलकों में उनकी पुरानी पार्टी तक पहुंचने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। शत्रुघ्न सिन्हा कहते हैं कि ‘उन्होंने बीजेपी छोड़ा है मगर भाजपा में कई लोग उनके अच्छे दोस्त हैं।’ उन्होंने कहा कि ‘मैंने नोटबंदी और जीएसटी लागू करने जैसे कुछ मुद्दों पर नेतृत्व से असहमति जताते हुए बीजेपी को छोड़ दिया था और अब भी उस पर कायम हूं।’

‘कांग्रेस सत्ता में वापस आ सकती है’
कांग्रेस पार्टी के भविष्य के बारे में शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि ‘पिछले दो संसदीय चुनावों में सांसदों की संख्या कम होने के आधार पर हमें पुरानी पार्टी को नहीं देखना चाहिए। कांग्रेस सत्ता में वापस आ सकती है। ये नहीं भूलना चाहिए कि भाजपा भी एक समय में दो सांसदों की पार्टी थी।’