भारत से पंगा लेकर अब गिड़गिड़ाते हुए ‘रोड’ पर आया मालदीव, इंडियन टूरिस्‍ट को बुलाने के लिए अपनाया ये प्‍लान

After messing with India, Maldives now comes on the 'road' pleadingly, adopted this plan to invite Indian tourists
After messing with India, Maldives now comes on the 'road' pleadingly, adopted this plan to invite Indian tourists
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Indian Tourist in Maldives: मालदीव में भारतीय पर्यटकों की संख्या में गिरावट जारी है, जिसने इस देश को परेशान किया हुआ है. अब इंडियन टूरिस्टों को को लुभाने के लिए मालदीव की एक प्रमुख टूरिस्ट बॉडी ने घोषणा की है कि वह प्रमुख भारतीय शहरों में रोड शो आयोजित करेगा. मालदीव एसोसिएशन ऑफ ट्रैवल एजेंट्स एंड टूर ऑपरेटर्स (MATATO) ने दोनों देशों के बीच यात्रा और टूरिज्म सहयोग बढ़ाने पर माले में भारत के उच्चायुक्त मुनु महावर के साथ चर्चा की.

भारत- मालदीव के ऱिश्तों में तनाव
बता दें भारत और मालदीव के रिश्तों में तनाव तब पैदा हुआ जब 6 फरवरी को पीएम मोदी द्वारा अपने एक्स हैंडल पर लक्षद्वीप द्वीपों की तस्वीरें और वीडियो पोस्ट की गईं. इन तस्वीरों और वीडियो पर मालदीव की मंत्री और नेताओं ने आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं. इसके विरोध में कई मशहूर हस्तियों सहित करोड़ों भारतीयों ने अपना मालदीव जाने की अपनी योजना रद्द कर दी और रिजर्वेशन भी कैंसिल करवा दी.

मालदीव में भारतीय टूरिस्टों की संख्या में भारी गिरावट
पर्यटन आगमन के आंकड़े दर्शाते हैं कि शीर्ष पर्यटक देश होने से, भारत का स्थान जनवरी के बाद पहले पांचवें और अब छठे स्थान पर आ गया है. मालदीव के पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस साल 10 अप्रैल तक, आने वाले कुल 6,63,269 पर्यटकों में से चीन 71,995 के साथ टॉप पर रहा, इसके बाद यूनाइटेड किंगडम (66,999), रूस (66,803), इटली (61,379), जर्मनी (52,256) और भारत (37,417) का स्थान रहा.

Sun.mv समाचार पोर्टल की रिपोर्ट के अनुसार, माले में भारतीय उच्चायोग में आयोजित एक बैठक के बाद, MATATO ने एक बयान में कहा कि उन्होंने टूरिज्म इनिशिएटिव को बढ़ावा देने के लिए मालदीव में भारतीय उच्चायोग के साथ मिलकर सहयोग करने का इरादा व्यक्त किया है. बयान में कहा गया, ‘प्रमुख भारतीय शहरों में व्यापक रोड शो शुरू करने की योजना पर काम चल रहा है.’

MATATO का कहना है कि वे मालदीव को एक प्रमुख ट्रेवल डेस्टिनेशन के रूप में बढ़ावा देने के लिए भारत भर में प्रमुख यात्रा संघों और उद्योग हितधारकों के साथ साझेदारी करने के लिए तत्पर हैं.’

बता दें राष्ट्रपति मोइज्जू चीन के प्रति अपने झुकाव के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने घोषणा की है कि 10 मई तक सभी 88 कर्मियों की स्वदेश वापसी के बाद कोई भी भारतीय सैन्यकर्मी, यहां तक कि नागरिक कपड़ों में भी, मालदीव में मौजूद नहीं रहेगा.