हरियाणा में निकाय चुनाव का रास्ता साफ: हाईकोर्ट ने हटाई रोक

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चंडीगढ़: नगर परिषद और पालिकाओं के चुनाव में प्रधान पद को बीसी वर्ग के लिए आरक्षित करने को चुनौती देने वाली याचकिा पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने चुनाव पर लगी रोक को हटाते हुए निकाय चुनाव का रास्ता साफ कर दिया है। मुख्य याचिका दाखिल करते हुए बावल निवासी राम किशन ने हाईकोर्ट को बताया था कि हरियाणा सरकार द्वारा नगर निकाय चुनाव में प्रधान पद पर बीसी वर्ग के आरक्षित करने का निर्णय लिया गया है।

हाईकोर्ट को बताया गया कि सरकार ने यह व्यवस्था मनमाने तरीके से की है क्योंकि यह आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा मराठा आरक्षण मामले में दिए गए फैसले के खिलाफ है। इस मामले में अब अर्जी दायर कर कोर्ट को बताया गया कि सरकार ने निकाय चुनाव की घोषणा कर दी है। बीसी श्रेणी के लिए प्रधान पद आरक्षित करने को चुनौती देने वाली याचिका अभी हाईकोर्ट में विचाराधीन है ऐसे में पिछड़ा वर्ग (बीसी) श्रेणी के लिए प्रधान पद को आरक्षित करने के निर्णय पर तुरंत रोक लगनी चाहिए।

मंगलवार को सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट में सुरेश महाजन बनाम मध्य प्रदेश सरकार मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति पेश की। सरकार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि चुनाव को टाला नहीं जा सकता। जनप्रतिनिधियों का चुनाव लोगों के लिए विकास कार्य पूरे करने के लिए होता है। अगर यह पद रिक्त रहेंगे तो विकास कार्य रुक जाएगा। सरकार ने हाईकोर्ट से आग्रह किया कि रोक को हटाया जाए। हरियाणा नगर पालिका चुनाव (संशोधन) नियम, 2020 के नियम 70 ए को इस चुनाव में प्रभावी नहीं किया जाएगा। ऐसे में निकाय चुनाव में बीसी श्रेणी के लिए जो चार प्रधान पद आरक्षित करने का फैसला लिया गया था वह इस चुनाव में लागू नहीं होगा और अब चुनाव पुराने नियमों से होंगे।

जल्द होंगे पंचायत और निकाय चुनाव: मनोहर लाल
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पंचायत और निकाय चुनाव जल्द करवाए जाएंगे। सरकार ने आयोग को चुनाव के संबंध में औपचारिकता पूरी करने के लिए कह दिया है। अब चुनाव कब करवाए जाने हैं, यह फैसला हरियाणा चुनाव आयोग को लेना है। उन्होंने भी चुनावी प्रक्रिया से जुड़ी औपचारिकताएं, वार्ड बंदी, मतदाता सूचियां अपडेट करने आदि की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती व निकाय चुनाव में ओबीसी रिजर्वेशन पर गणना आधारित डाटा न होने के कारण कोर्ट ने रोक लगा दी है। अब हरियाणा सरकार अलग से कमिशन बैठाकर इकाई अनुसार ओबीसी का डाटा एकत्रित करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा और जजपा द्वारा सिंबल पर चुनाव लड़ने का फैसला पार्टी स्तर पर चर्चा के बाद लिया जाएगा।

इन निकायों में होंगे चुनाव
अंबाला जिले की नारायगढ़ नगर पालिका, अंबाला सदर नगर परिषद, भिवानी जिले की भिवानी नगर परिषद, चरखी दादरी नगर परिषद, फतेहाबाद में रतिया, भूना नगर पालिका, फतेहाबाद और टोहाना नगर परिषद, गुरुग्राम में सोहना नगर परिषद, हिसार में हांसी नगर परिषद, बरवाला नगर पालिका, जींद में सफीदों, उचाना नगर पालिका, जींद और नरवाना नगर परिषद, झज्जर में बहादुरगढ़ और झज्जर नगर परषिद, कुरुक्षेत्र में ईस्माइलाबाद, शाहाबाद, पिहोवा और लाडवा नगर पालिका, करनाल जिले में घरौंडा, तरावड़ी, निसिंग और असंध नगर पालिका, कैथल जिले में चीका, राजौंद नगर पालिका, कैथल नगर परिषद, महेंद्रगढ़ में नारनौल नगर परिषद, महेंद्रगढ़ और नांगल चौधरी नगर पालिका, मेवात जिले में फिरोजपुर झिरका, पुन्हाना नगर पालिका, नूंह नगर परिषद, पंचकूला जिले में कालका नगर परिषद, पानीपत जिले में समालखा नगर पालिका, पलवल जिले में होडल और पलवल नगर परिषद, रोहतक जिले में महम नगर पालिका, रेवाड़ी में बावल नगर पालिका, सोनीपत जिले में गन्नौर, कुंडली नगर पालिका, गोहाना नगर परिषद, सिरसा जिले में ऐलनाबाद, रानियां नगर पालिका, मंडी डबवाली नगर परिषद, यमुनानगर जिले में सढौरा नगर पालिका।

राज्य चुनाव आयोग की पूरी तैयारी
राज्य चुनाव आयोग के सचिव डॉ. इंद्रजीत सिंह ने कहा कि निकाय चुनाव की पूरी तैयारी है। सरकार के आदेश आते ही चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इन चुनावों में पांच हजार ईवीएम इस्तेमाल होंगी। हाईकोर्ट के आदेश आने पर उनकी विवेचना की जाएगी।