हाथी पर बैठकर जंगल सफारी, फिर जीप पर सैर, देखिए पीएम मोदी का अंदाज

Jungle safari on elephant, then jeep tour, see PM Modi's style
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काजीरंगा; गुवाहाटी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर असम पहुंचे हैं। यहां शनिवार सुबह-सुबह पीएम मोदी काजीरंगा नैशनल पार्क पहुंचे और यहां उन्होंने हाथी की सवारी की। प्रधानमंत्री काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में सेंट्रल कोहोरा रेंज के पास पुलिस अतिथि गृह में ठहरे हैं। वह सुबह जंगल सफारी करने पहुंचे। पीएम के लिए हाथी और जीप दोनों की सवारी के इंतजाम किए गए थे। पीएम मोदी ने हाथी पर बैठकर जंगल की सैर करना चुना। कुछ देर हाथी की सवारी के बाद पीएम जंगल के अंदर जीप पर बैठकर गए। पीएम ने यहां लगभग दो घंटे तक रहे। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, असम का मुकुट रत्न गैंडों का सबसे बड़ा निवास स्थान है। पक्षियों की 600 से अधिक प्रजातियां, डॉल्फिन की एक संपन्न आबादी, और बाघों के उच्चतम घनत्व वाला उद्यान है।

पीएम मोदी की संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के घोषित विश्व धरोहर स्थल की यह पहली यात्रा है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले उद्यान के ‘सेंट्रल कोहोरा रेंज’ के मिहिमुख क्षेत्र में हाथी की सवारी की और उसके बाद उसी रेंज के अंदर जीप सफारी की।

एक दिन पहले ही पहुंचे थे काजीरंगा
पीएम मोदी के साथ उद्यान निदेशक सोनाली घोष और अन्य वरिष्ठ वन अधिकारी भी थे। प्रधानमंत्री राज्य के दो दिवसीय दौरे पर शुक्रवार शाम को काजीरंगा पहुंचे थे। मोदी दोपहर में जोरहाट लौटेंगे और महान अहोम सेनापति लचित बोरफुकन की 125 फुट ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ वेलर’ (बहादुरी की प्रतिमा) का उद्घाटन करेंगे।

अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद मोदी जोरहाट के मेलेंग मेतेली पोथार जाएंगे, जहां वह लगभग 18,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय और राज्य परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। प्रधानमंत्री जनसभा को भी संबोधित करेंगे और बाद वह पश्चिम बंगाल रवाना होंगे।

काजीरंगा नैशनल पार्क के बारे में
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, भारत में सबसे अधिक मांग वाले अवकाश स्थलों में से एक, 2200 से अधिक भारतीय एक सींग वाले गैंडों का घर है, जो उनकी कुल विश्व आबादी का लगभग 2/3 हिस्सा है। 1908 में मैरी कर्जन की सिफारिश पर बनाया गया यह उद्यान पूर्वी हिमालय जैव विविधता हॉटस्पॉट-गोलाघाट और नागांव जिले के किनारे पर स्थित है। वर्ष 1985 में इस उद्यान को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।