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ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे (Odisha Train Accident) के कारणों का पता लगाने की जांच अभी चल रही है. इस बीच एक रेलवे अधिकारी ने रेलवे की एक रिपोर्ट से असहमति जताई है. अधिकारी का कहना है कि ट्रेन हादसा सिग्नल फेल होने की वजह से नहीं हुआ था. अधिकारी के मुताबिक कोरोमंडल एक्सप्रेस के लिए मेन लाइन का सिग्नल ग्रीन था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रेलवे की तरफ से ओडिशा ट्रेन हादसे को लेकर एक ज्वाइंट इंस्पेक्शन रिपोर्ट तैयार की गई है. बालासोर में रेलवे सिग्नल व कम्युनिकेशन के सीनियर इंजीनियर एके महंता ने रेलवे कमेटी द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट से असहमति जताई है. हालांकि कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि सिग्नल में गड़बड़ी की वजह से ही ट्रेन को लूप लाइन पर जाना पड़ा था. इसी लाइन पर कोरोमंडल एक्सप्रेस आगे खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी.
अधिकारी ने क्या बोला?
एके महंता के अलावा रेलवे की इस कमेटी में चार मेंबर मौजूद थे. महंता ने अपनी असहमति एक पन्ने के एक नोट में जाहिर की है. महंता का कहना है कि ऐसा भी हो सकता है कि सिग्नल में गड़बड़ी ट्रेन का एक्सीडेंट होने के बाद हुई हो. उनके मुताबिक प्वाइंट नंबर 17ए, बहानगा बाजार स्टेशन की अप-लूप लाइन में रिवर्स स्थिति में सेट था. रिवर्स स्थिति में सेटिंग प्वाइंट का मतलब है कि आने वाली ट्रेन को लूप लाइन में प्रवेश करने की अनुमति है. जबकि सामान्य स्थिति में सेटिंग प्वाइंट का मतलब है कि ट्रेन मेन लाइन में जाएगी. महंता ने आगे कहा,
इससे पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ओडिशा रेल हादसे के पीछे ‘इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम’ को जिम्मेदार ठहराया था. वहीं रेलवे बोर्ड की जांच में सामने आया था कि सिग्नल में गड़बड़ी के कारण ऐसा हुआ है.
बालासोर ट्रेन हादसा
बालासोर में बहानगा बाजार स्टेशन के पास 2 जून को ये हादसा हुआ था. यहां चेन्नई से हावड़ा जा रही 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी. इसके बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस के कई डिब्बे पटरी से उतर गए. ये डिब्बे पास वाली लाइन से गुजर रही यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस से टकरा गए थे. हादसे में 275 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. हजार से अधिक घायलों में से कई लोगों को डिस्चार्ज भी किया जा चुका है.