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जयपुर : राजस्थान के जयपुर में PHED विभाग (Rajasthan PHED Department) के अफसरों का बड़ा खेला सामने आया है, जहां उन्होंने बिना वेरिफिकेशन के ही 80 लाख रुपये के वाटर टैंकर के बिल मंजूर कर दिए। बिना सत्यापन के टैंकरों से पानी की आपूर्ति करने वाले ठेकेदारों के बिल पास करने को लेकर जन स्वास्थ्य और इंजीनियरिंग विभाग (PHED) के जयपुर संभाग के अधिकारी निशाने पर आ गए हैं। पूरा मामला साल 2021-22 का है।
साल 2021-22 में पीएचईडी के जयपुर संभाग में जूनियर इंजीनियर्स (JEN) और असिस्टेंट इंजीनियर्स (AEN) की बिना जांच के लगभग 80 लाख रुपये के पानी टैंकरों के बिलों को मंजूरी दे दी गई। वित्त सलाहकार की ओर से पेश की गई प्रारंभिक ऑडिट रिपोर्ट में इसको लेकर टिप्पणी की गई। इसमें बताया गया कि जिस फर्म ने टैंकर की गतिविधियों को ट्रैक करने के लिए जीपीएस सॉफ्टवेयर तैयार किया था, उसने अधिकारियों को गलतियों के बारे में सूचित नहीं किया था।
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जानिए क्या है पूरा मामला
हालांकि, फर्म के निदेशक दिनेश सिंह ने दावों का खंडन करते हुए कहा कि सॉफ्टवेयर ने उन अधिकारियों को लगातार अलर्ट दिया जिन्होंने इस पर कार्रवाई नहीं की। 2018 में, फर्म, द कंसोल की ओर से एक वाटर टैंकर ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर विकसित किया गया था। जो टैंकरों की आवाजाही पर उस बिंदु से नजर रखता था जहां से वह पानी भरता था जहां वह आपूर्ति करता था। इस प्रक्रिया में तस्वीरें शामिल थीं, जिन्हें सॉफ्टवेयर में अपलोड करना था। पूरी प्रक्रिया को शॉर्ट-सर्किट करते हुए, ड्राइवरों ने टैंकरों के जल स्तर की नकली तस्वीरें अपलोड कीं। बताया जा रहा कि सॉफ्टवेयर पर अपलोड की गई कई तस्वीरें सड़कों पर ड्रम या कूड़ेदान की थीं जो पूरी तरह से संबंधित नहीं थीं। टैंकरों को भी बहुत पहले ट्रिप पूरी करते हुए दिखाया गया था।
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वरिष्ठ अधिकारी ने कहा- दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
इस मामले में सुप्रीटेंडेंट इंजीनियर अजय सिंह राठौर ने कहा, ‘ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया कि जब फर्म टैंकरों की आवाजाही में सॉफ्टवेयर की कमियों को देख सकती थी, तो उसे हमें सूचित करना चाहिए था। इंजीनियरों को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’
अधिकारियों के दावों को खारिज करते हुए, फर्म के निदेशक दिनेश सिंह ने कहा कि स्क्रीन पर कई बार रेड-अलर्ट दिखाई दिए। मैंने अधिकारियों को पानी के टैंकरों के कामकाज की जांच करने के लिए पत्र भी लिखा क्योंकि वे अपने डेस्टिनेशन तक नहीं पहुंच रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि वे सिर्फ अपने अधिकारियों को बचाने के लिए मुझे बलि का बकरा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। विभाग के सूत्रों ने पुष्टि की कि अधिकारियों के समर्थन के बिना ऐसा कभी नहीं हो सकता। इस प्वाइंट को फिर से जांचने के लिए दो और ऑडिट जारी हैं।