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पटना: डोलता बिहार, उड़ता बिहार, घर-घर हो रही शराब की डिलीवरी, पुलिस की मिलीभगत से हो रही शराब की बिक्री, बिहार में आसानी से उपलब्ध है शराब, ज्यादातर आरजेडी के लोग ही कर रहे हैं शराब का धंधा। यह कुछ ऐसे आरोप हैं जो नीतीश कुमार ( Nitish Kumar ) के शराबबंदी पर विपक्ष की ओर से लगाया गया है। अब बीजेपी ने भी शराबबंदी ( Liquor Ban in Bihar ) पर नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रवक्ता राजीव रंजन ( Rajiv Ranjan ) ने कहा कि नीतीश सरकार और प्रशासन की काहिली से बिहार में शराबबंदी मजाक का विषय बन कर रह गई है। लोग बताते हैं कि राज्य में ऐसा कोई गली-मोहल्ला नहीं होगा, जहां शराब माफिया के गुर्गों की पहुंच नहीं हो। अब तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी स्वीकार कर लिया है कि अवैध शराब के असली सौदागर पुलिस की गिरफ्त के बाहर हैं। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश कुमार भी जानते हैं कि सबसे अधिक गड़बड़ी सरकार के नाक के ठीक नीचे यानी राजधानी पटना में ही होती है।
बिहार में सूखे नशे और ड्रग्स की मांग बढ़ी: BJP
बीजेपी प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि शराबबंदी के कारण ही आज राज्य में सूखे नशे और ड्रग्स की खपत बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि बिहार के युवा काफी तेजी से इसके शिकार बनते जा रहे हैं। हर साल जब्त होने वाले मादक पदार्थों की बढ़ती मात्रा यह बताने को काफी है कि बिहार में ड्रग्स माफिया भी तेजी से पैर पसार रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर वक्त रहते सरकार ने कड़े कदम नहीं उठाया तो बिहार को ‘उड़ता बिहार’ बनने में देर नहीं लगेगा।
शराबबंदी माफियाओं के लिए दुधारू गाय है तो गरीबों के लिए काल
बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि नशे के सौदागरों से निपटने के लिए सरकार को नई रणनीति बनानी होगी। उन्होंने कहा कि बिहार का बच्चा भी समझ सकता है कि बिना पुलिस की मिलीभगत के इतने बड़े पैमाने पर नशे का व्यापार हो ही नहीं सकता। इसलिए सरकार को वैसे पुलिसकर्मियों की पहचान कर दंडित करना चाहिए। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि पुलिस और शराब माफिया के मिलीभगत की वजह से ही राज्य में शराबबंदी कानून गरीबों के लिए काल बन गया है। वहीं, शराब माफियाओं के लिए यह दुधारू गाय की तरह है। बीजेपी प्रवक्ता का कहना है कि अवैध जहरीली शराब के कारण जहां हजारों गरीब अपनी जाने गंवा चुके हैं। वहीं, कई हमेशा के लिए अंधे बन चुके हैं। दूसरी तरफ कम जोखिम में अंधाधुध कमाई होने के कारण राज्य के युवाओं का एक बड़ा वर्ग भी इससे जुड़कर शराब माफियाओं के हाथों का खिलौना बन चुका है।
किसने कही थी ‘डोलता बिहार’ और ‘शराब की होम डिलीवरी’ की बात ?
अगस्त 2022 के पहले आरजेडी नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी नीतीश कुमार के शराबबंदी का मखौल उड़ाते नजर आते थे। अगस्त 2022 से नीतीश कुमार के साथ मिलकर सरकार चलाने वाले तेजस्वी यादव कई बार यह कह चुके थे कि बिहार में शराब की होम डिलीवरी हो रही है। नीतीश की पुलिस शराब माफियाओं से मिली हुई है। तेजस्वी यादव ने जहरीली शराब से हुई मौतों पर भी नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला था। इसके अलावा उपेंद्र कुशवाहा जब राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हुआ करते थे, तब उन्होंने बिहार में शराबबंदी को लेकर यह कहा था कि शाम के वक्त बिहार डोलने लगता है। उपेंद्र कुशवाहा ने भी बिहार में शराबबंदी को फेल बताते हुए यह कहा था कि शाम के वक्त बिहार ‘डोलता बिहार’ बन जाता है।