गुजरात में काम आया उत्तराखंड वाला फॉर्मूला, हिमाचल में चूक गई भाजपा

Uttarakhand formula worked in Gujarat, BJP missed in Himachal
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अहमदाबाद: पहले उत्तराखंड और अब गुजरात में सत्ता विरोधी लहर को रोकने के लिए विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्रियों को बदलने और मंत्रिमंडल के पुनर्गठन की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की रणनीति रंग लाई है। पिछले साल सितंबर में, भाजपा ने पहली बार विधायक बने भूपेंद्र पटेल को गुजरात चुनाव से महज एक साल पहले विजय रूपाणी की जगह गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया था। इतना ही नहीं पार्टी ने पूरे गुजरात मंत्रिमंडल को भी बदल दिया था। हालांकि भाजपा ने हिमाचल में ऐसा नहीं किया।

भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि परिणाम स्पष्ट रूप से संकेत देते हैं कि उत्तराखंड और गुजरात दोनों राज्यों में मुख्यमंत्री बदलने से सत्ता विरोधी लहर को बेअसर करने में मदद मिली। गुजरात में मुख्यमंत्री (पाटीदार) की जाति भी काम आई। विपक्ष मुख्यमंत्री बदलने को लेकर भाजपा पर अकसर हमलावर रही है। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ये बदलाव दर्शाते हैं कि भाजपा का नेतृत्व जमीनी स्तर से मिले फीडबैक के अनुसार निर्णय लेने से पीछे नहीं हटता।

इसी तरह, उत्तराखंड में भाजपा ने इस साल की शुरुआत में हुए विधानसभा चुनावों से पहले दो बार मुख्यमंत्री बदले थे। चुनाव में पार्टी को तो जीत मिली, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को हार का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद पहाड़ी राज्य में उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया। उक्त भाजपा नेता ने सवाल उठाया कि हिमाचल प्रदेश में भी यही कवायद क्यों नहीं की गई, जब पार्टी को पिछले साल उपचुनावों में हार का सामना करना पड़ा था।

बता दें कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा खुद हिमाचल प्रदेश के हैं और उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान वहां जमकर प्रचार भी किए थे। पार्टी के इस नेता ने कहा है कि यह हैरत की बात है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष को उनके ही प्रदेश से मुख्यमंत्री को लेकर सही फीडबैक नहीं मिला। भाजपा के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा कि पिछले दो-तीन साल में मुख्यमंत्रियों को बदलने के इन निर्णयों के पीछे प्रमुख रूप से तीन कारक रहे हैं। इनमें जमीनी स्तर पर काम का असर, संगठन के साथ सामंजस्य और नेता की लोकप्रियता शामिल है। भाजपा शासित कर्नाटक, मध्य प्रदेश और त्रिपुरा में 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं। भाजपा ने कर्नाटक और हाल ही में त्रिपुरा में अपने मुख्यमंत्री बदले हैं।