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नई दिल्ली: मुसीबत में फंसे अडानी ग्रुप (Adani Group) ने दावा किया है कि उसने 2.15 अरब डॉलर की रिपेमेंट कर दिया है। लेकिन एक मीडिया रिपोर्ट में ग्रुप के इस दावे पर सवाल उठाए गए हैं। स्टॉक एक्सचेंजेज बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) ने अडानी ग्रुप से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा है। अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने गत 24 जनवरी को अडानी ग्रुप के बारे में एक निगेटिव रिपोर्ट जारी की थी। इसके बाद ग्रुप के शेयरों में एक महीने से भी अधिक समय तक भारी गिरावट आई थी। इस स्थिति से निपटने के लिए अडानी ग्रुप ने अरबों डॉलर के लोन का भुगतान करने के दावा किया था। इससे ग्रुप के शेयरों में गिरावट थम गई थी। लेकिन पिछले कुछ दिनों से एक बार फिर अडानी ग्रुप के शेयरों में कत्लेआम मचा हुआ है। पिछले तीन में ग्रुप का मार्केट कैप 80,000 करोड़ रुपये घट चुका है।
The Ken की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडानी ग्रुप ने आंशिक रिपेमेंट के जरिए लोन अमाउंट में कमी की है ताकि उसे और शेयर गिरवी न रखने पड़ें। यानी उसने बैंकों के एक्शन से बचने के लिए ऐसा किया है। इसमें आरोप लगाया गया है कि अडानी ग्रुप के प्रीपेमेंट की घोषणा के बाद बैंकों ने केवल अडानी पोर्ट्स (Adani Ports) के गिरवी शेयर ही रिलीज किए हैं। इस रिपोर्ट में साथ ही दावा किया गया है कि अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) और अडानी ट्रांसमिशन (Adani Transmission) के गिरवी शेयरों को बैंक ने रिलीज नहीं किया है जबकि लोन पेमेंट की घोषणा को करीब एक महीना हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक अमूमन कर्ज के भुगतान के साथ ही बैंक गिरवी शेयरों को रिलीज कर देते हैं।
तीन दिन में 80,000 करोड़ स्वाहा
एनएसई ने कहा कि एक्सचेंज ने अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) से इस न्यूज आइटम के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है। अभी कंपनी के जवाब का इंतजार है। इस रिपोर्ट के कारण आज अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में सात फीसदी गिरावट आई। अडानी ग्रुप के बाकी नौ लिस्टेड शेयर भी गिरावट के साथ बंद हुए। ग्रुप के छह शेयर पांच परसेंट के लोअर सर्किट के साथ बंद हुए। तीन दिन में अडानी ग्रुप के मार्केट कैप में 80,000 करोड़ रुपये की गिरावट आई है और यह नौ लाख करोड़ रुपये से भी कम रह गया है। पिछले साल अक्टूबर में अडानी ग्रुप का मार्केट कैप 24 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया था।