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नई दिल्ली: दिल्ली के कथित शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी (आप) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। विजय नायर, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है। केजरीवाल को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 28 मार्च तक के लिए जांच एजेंसी की कस्टडी में भेज दिया गया।
रिमांड नोट में केंद्रीय जांच एजेंसी ने अरविंद केजरीवाल को कथित घोटाले का सरगना बताया है। उन पर मुख्यमंत्री पद का इस्तेमाल करते हुए घोटाले की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। रिश्वत की मांग करने में संलिप्त बताया गया है तो ‘अपराध’ से हुई आय से पार्टी को फायदा पहुंचाने का दावा किया गया है। ईडी की रिमांड नोट में यह भी कहा गया है कि अपराध से प्राप्त आय में से 45 करोड़ का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी की ओर से गोवा विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार में किया गया है।
दुर्गेश पाठक का भी लिया नाम
रिश्वत की रकम का इस्तेमाल गोवा विधानसभा चुनाव में किए जाने का आरोप लगाते हुए ईडी ने रिमांड नोट में आम आदमी पार्टी के नेता और विधायक दुर्गेश पाठक का भी नाम लिया गया है। इसके लिए ईडी ने गोवा चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार रहे नेता के बयान का इस्तेमाल किया है। उम्मीदवार ने कथित तौर पर कहा है कि उन्हें प्रचार के लिए कैश में रकम दी गई थी। ईडी ने , ‘गोवा में आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रचार से जुड़े रहे कई लोगों ने बयान में खुलासा किया है कि सर्वे, एरिया मैनेजर्स, विधानसभा प्रबंधक आदि के लिए उन्हें कैश पेमेंट किया गया। इन लोगों और गतिविधियों का प्रबंधन मुख्यतौर पर विजय नायर और दुर्गेश पाठक के द्वारा किया गया।’
क्या अब रडार पर दुर्गेश पाठक भी आएंगे?
दुर्गेश पाठक आम आदमी पार्टी के पांचवें ऐसे नेता हैं, जिन पर जांच एजेंसी ने कथित घोटाले में शामिल होने के आरोप लगाए हैं। दुर्गेश पाठक से पहले अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह, मनीष सिसोदिया और विजय नायर पर आरोप लगाए जा चुके हैं। दुर्गेश पाठख को छोड़कर अन्य सभी नेता गिरफ्तार किए जा चुके हैं। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या दुर्गेश पाठक पर भी ईडी अपना शिकंजा कसेगी?