बिहार में अमित शाह ने चली ‘चाणक्य’ वाली चाल, नीतीश ने अपने ‘बीरबल’ के जरिए कर दिया बड़ा खेल, जानिए पूरी कहानी

Amit Shah played 'Chanakya' trick in Bihar, Nitish did a big game through his 'Birbal', know the whole story
Amit Shah played 'Chanakya' trick in Bihar, Nitish did a big game through his 'Birbal', know the whole story
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पटना: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जब-जब बिहार आते हैं तो उनके निशाने पर तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार ही होते हैं। लालू यादव के जमाने के जंगल राज को लेकर वे तेजस्वी पर तंज कसते हैं तो जंगल राज की दुहाई देकर सत्ता हासिल करने वाले नीतीश कुमार को कुर्सी के लिए लालू की गोद में बैठ जाने पर उनकी खिंचाई करते हैं। अमित शाह को बीजेपी का ‘चाणक्य’ कहा जाता है। रामनवमी पर बिहार के दो शहरों में हुए सांप्रदायिक हिंसा को लेकर तो नीतीश कुमार की सरकार को उन्होंने पूरी तरह विफल ही बता दिया। गुस्से में शाह ने यहां तक कह दिया कि नीतीश पीएम और तेजस्वी सीएम का सपना देखते रह जाएंगे। इन सबके बावजूद नीतीश कुमार उन्हें कुछ बोलने से परहेज किया। लेकिन बुधवार को मीडिया से बातचीत में शाह के दौरे पर सवाल उठा दिया। हालांकि, नीतीश कुमार ने अमित शाह और बीजेपी के बाकी नेताओं को तगड़ा जवाब देने के लिए अपना ‘बीरबल’ तैयार कर लिया है। सियासी गलियारों में ये चर्चा है कि नीतीश के ये ‘बीरबल’ बीजेपी नेताओं को हाजिर जवाबी के साथ उत्तर दे रहे हैं।

अमित शाह के भाषण में ललन सिंह का नाम आया
नीतीश के लिए ‘बीरबल’ बने हैं ललन सिंह। अमित शाह 2 अप्रैल को 6 महीने में पांचवीं बार बिहार दौरे पर आये तो रोहतास जिले का सासाराम और नालंदा जिले का बिहार शरीफ शहर दंगे की आग में झुलस रहा था। आने से पहले उन्होंने हालात के बारे में राज्यपाल से बात की। इस पर ललन सिंह ने तंज कसा कि एक बार नहीं, 10 बार अमित शाह गवर्नर से बात करें। चाहें तो राजभवन में डेरा ही डाल दें। अमित शाह उनकी इसी बात से तमतमा गये। उन्होंने नवादा की सभा में कहा भी कि ललन सिंह गवर्नर से मेरी बात को लेकर खफा हैं।

नीतीश चुप हैं, पर ललन सिंह लगातार हमलावर
बिहार दंगे पर अमित शाह ने कहा था कि नीतीश कुमार की सरकार हर मोर्चे पर फेल है। नीतीश और तेजस्वी को बिहार के लोगों की चिंता नहीं है। लोगों को दोनों ने अपने हाल पर छोड़ दिया है। तभी से ललन सिंह लगातार अमित शाह पर हमलावर बने हुए हैं। उन्होंने विपक्षी नेताओं के खिलाफ सीबीआई-ईडी की कार्रवाई और गौतम अडानी के मुद्दे पर चुप्पी को लेकर ट्वीट किया- “माननीय श्री @AmitShah जी, आप देश से भ्रष्टाचार समाप्त करने का दंभ भरते हैं तो देश के सबसे बड़े कॉरपोरेट घोटाले पर मौन धारण क्यों किये हुए हैं ? यदि साहस है तो अपने पालतू तोतों को लगाइए, जांच कराइए और दोषी को दंड दीजिये। आपकी जिम्मेवारी थी लेकिन आप मौन हैं..! इस देश की न्यायपालिका को प्रणाम करता हूं, जिसने देश की जनता द्वारा निवेश की गई गाढ़ी कमाई पर संज्ञान लिया और जांच का आदेश दिया। हां, आपके पालतू तोतों को समय भी नहीं है। वे तो आपके विरोधियों को लपेटने में व्यस्त हैं, आपके नजदीकियों के पास फटकने की उनमें हिम्मत कहां है..!” इससे पहले ललन सिंह ने कहा था कि बीजेपी हताशा में आ गयी है और बौखलाहट में है।

ललन सिंह और बिहार सरकार में तालमेल का अभाव
बिहार में सरकार और संगठन में तालमेल का अभाव दिख रहा है। सरकारी महकमा बताता है कि 30 मार्च से सासाराम में दंगे शुरू हुए। 1 अप्रैल तक आगजनी-रोड़ेबाजी होती रही। इधर बिहार शरीफ भी हुड़दंगियों का शिकार हो गया। दूसरी ओर सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह कह रहे कि पुलिस ने बढ़िया काम किया। 8 घंटे में दंगे पर काबू पा लिया गया। ललन सिंह पुलिस की तारीफ करने के चक्कर में यह भूल गये कि वे सरकार के ही रिकार्ड को झूठा ठहराने की कोशिश कर रहे हैं।

तेजस्वी यादव भी अमित शाह पर तमतमाये हुए हैं
बिहार में दंगे को लेकर अमित शाह की टिप्पणी पर डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव भी बेहद नाराज हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में सद्भाव बिगाड़ने की संघी कोशिश हो रही है। बिहार सरकार की पैनी नजर है। भाजपा जिन राज्यों में कमजोर है, वहां बौखलाई हुई है। भाईचारा तोड़ने के किसी भी भाजपाई प्रयोग का हमने हमेशा माकूल जवाब दिया है और देते रहेंगे। इतना ही नहीं, नालंदा नीतीश कुमार का गृह जिला है। इसके बावजूद वे हालात का मुआयना करने अब तक नहीं गये। यहां तक कि मुख्य सचिव को भी बिहार शरीफ की 70 किलो मीटर दूरी करने में 70 घंटे का वक्त लग गया।

अब तो ओवैसी भी चाचा-भतीजा पर बरस रहे हैं
AIMIM के नेता असदुद्दीन भी बिहार दंगों को लेकर अमित शाह के ही अंदाज में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाली सरकार पर जम कर बरसे। उन्होंने कहा कि लोगों को दंगे झेलने के लिए चाचा-भतीजा की सरकार ने छोड़ दिया है। नीतीश को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने कहा कि इफ्तार पार्टी में टोपी पहनने और शाल ओढ़ लेने से उनका दोष छिप नहीं जाएगा। ट्वीट कर रहे तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार क्यों नहीं सासाराम और बिहार शरीफ गये। पहले भी नालंदा में इस तरह की घटना हो चुकी है। इस बार भी इंटेलीजेंस रिपोर्ट थी। फिर एहतियातन कदम क्यों नहीं उठाया चाचा-भतीजे की सरकार ने। दोनों ने जान-बूझ कर लोगों को लड़ने-मरने के लिए छोड़ दिया। हालांकि, नीतीश ने ओवैसी को बीजेपी का एजेंट बताकर तगड़ा जवाब देने का काम किया है।

तमाम आलोचनाओं के बावजूद नीतीश चुप क्यों हैं ?
शुरुआत में उपद्रव और हिंसा पर सभी नेताओं ने बयान दिया। नीतीश कुमार चुप्पी साधे रहे। उन्होंने देखा कि अब जवाब देना जरूरी है। उसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में शाह के दौरे पर सवाल खड़े किये। साथ ही ये भी बता दिया कि आखिर वो यानी अमित शाह जहां जाने वाले थे, वहीं हिंसा क्यों हुई। नीतीश ने पहले इस मामले पर चुप्पी साधी लेकिन अब मुखर होकर बीजेपी का जवाब दे रहे हैं। उन्होंने ललन सिंह को भी खुला छूट दे दिया है। बीजेपी पर लगातार नीतीश कुमार हमलावर हैं। शुरुआत में नीतीश की चुप्पी सवाल खड़े कर रही थी। जानकार मानते हैं कि अब ऐसा नहीं है। उन्होंने बीजेपी को हर मोर्चे पर जवाब देने का फैसला किया है। हाल ही बीजेपी एमएलसी संजय मयूख के घर नीतीश गये थे। उन्हें बीजेपी के बड़े नेताओं के फोन भी आते रहे हैं। नीतीश के मन में क्या चल रहा है, यह किसी को नहीं पता। यहीं से अटकलों को हवा मिलती है। हालांकि आज उन्होंने अमित शाह पर हमला कर सारी अटकलों को खारिज कर दिया।