- दुल्हन छूने ही नहीं देती तो सुहागरात कैसे मनाऊं? पति की अजीब शिकायत से चौंक गई पुलिस - May 5, 2024
- पंजाब में बेअदबी पर 19 वर्षीय लड़के की हत्या: फिरोजपुर के गुरुद्वारे में घुसकर फाड़ दिए थे गुरु ग्रंथ साहिब के पन्ने - May 5, 2024
- वॉरेन बफे बोले: निवेश के लिए अमेरिका पहली पसंद, भारत के बारे में कही यह बात - May 5, 2024
इन 2 घटनाओं की हेडलाइन पढ़िए…
15 सितंबर 2022: कनाडा के स्वामी नारायण मंदिर में कुछ लोगों ने तोड़फोड़ की। दीवारों पर भारत विरोधी नारे लिखे।
19 सितंबर 2022: ब्रिटेन के लिस्टर शहर में शिव मंदिर में घुसकर कुछ लोगों ने वहां लगे धार्मिक झंडे को नीचे गिरा दिया। मंदिर में तोड़फोड़ की।
ये दो घटनाएं तो हिंदुओं के खिलाफ नफरत और हिंसा की बस बानगी है। दरअसल पिछले 3 साल में दुनियाभर में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा और नफरत के मामलों में 10 गुना तक इजाफा हुआ है। यानी 3 साल पहले अगर इस तरह की 10 घटनाएं होती थीं, तो अब ऐसी घटनाओं की संख्या बढ़कर 100 हो गई है।
ये बात अमेरिका की ‘नेटवर्क कॉन्टेजियन रिसर्च इंस्टीट्यूट’ यानी NCRI ने अपनी रिपोर्ट में बताई है।
‘सोशल मीडिया पर यहूदियों से मिलते-जुलते हिंदू विरोधी मीम्स शेयर हो रहे हैं’
NCRI ने जुलाई 2022 में हिंदुओं के खिलाफ सोशल मीडिया के जरिए दुनियाभर में फैलाई जा रही नफरत को लेकर रिसर्च की थी। 21 सितंबर 2022 को वाशिंगटन डीसी में आयोजित कार्यक्रम में NCRI के को-फाउंडर जोएल फिंकेलस्टीन ने इस रिपोर्ट की अहम बातें वहां मौजूद लोगों से शेयर की।
ये तस्वीर 21 सितंबर को वाशिंगटन डीसी में आयोजित उसी कार्यक्रम की है, जिसमें NCRI की रिपोर्ट साझा की गई। इसमें अमेरिकी सांसद हांक जॉनसन ने भी शिरकत की थी, तस्वीर में वे अपनी बात रखते नजर आ रहे हैं।
कार्यक्रम में जोएल फिंकेलस्टीन ने कहा, ‘3 साल में हिंदुओं के खिलाफ 1000% तक दुनियाभर में नफरत की घटना बढ़ी है। सोशल मीडिया पर यहूदियों से मिलते-जुलते हिंदू विरोधी मीम्स शेयर किए जा रहे हैं। दुनिया भर के कई देशों की इस्लामिक कट्टरपंथी इस साजिश में शामिल हैं। यही वजह है कि अमेरिका समेत कई देशों में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा और नफरत बढ़ी है।’
NCRI ने 4 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और 3 तरीकों से किया एनालिसिस
NCRI ने इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए सबसे ज्यादा नफरत फैलाने वाले 4 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का सिलेक्शन किया, जिनका नाम है..
4Chan: अमेरिका और यूरोप में 18 से 25 साल के युवाओं के बीच सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली इमेजबोर्ड वेबसाइट है। इसके 2.2 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं। इमेज और मीम्स को क्रिएट कर शेयर करने के लिए इसका यूज किया जाता है।
Gab: ये एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है। इसे 40 लाख से ज्यादा लोग इस्तेमाल करते हैं।
NCRI ने रिसर्च के लिए 3 तरीके अपनाए…
1. जनवरी 2019 से जनवरी 2022 के बीच हिंदुओं के खिलाफ नफरत फैलाने वाले पोस्ट के ‘कीवर्ड’ और ‘हैशटैग’ की पहचान की।
2. उस ‘कीवर्ड’ और ‘हैशटैग’ से किए जा रहे सोशल मीडिया पोस्ट का पता किया।
3. उस सोशल मीडिया पोस्ट का बिहेवियर और उसके प्रभाव का एनालिसिस।
दुनिया में 3 वजहों से हिंदुओं के खिलाफ बढ़ रही है नफरत
रिपोर्ट में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती नफरत की 3 वजह सामने आईं हैं…
पहली वजह: भारत में होने वाली सांप्रदायिक घटनाओं पर प्रतिक्रिया।
24 फरवरी 2020 को डोनाल्ड ट्रंप दिल्ली आए और दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे शुरू हो गए। इस समय विदेश में बैठे लोगों ने सोशल मीडिया पर #delhigenocide, #muslimgenocide जैसे कीवर्ड और हैशटैग को ट्रेंड कराए थे।
दूसरी वजह: भारत में होने वाले राजनीतिक फैसलों की वजह से।
2019 में आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद #kashmirdeniesindia जैसे कीवर्ड और हैशटैग को विदेश में बैठे लोगों ने ट्रेंड कराए।
तीसरी वजह: दुनियाभर में हो रहीं घटनाओं की वजह से।
2018 में ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी भारत दौरे पर आए थे, तो उस समय भी 1053 बार ईरान के ट्रोल्स ने ‘human rights violations in Jammu and Kashmir’ ट्वीट किए थे।
नफरत फैलाने का माध्यम: फेक और हिंदू विरोधी सोशल मीडिया पोस्ट
NCRI के मुताबिक हिंदुओं और हिंदुस्तानियों के खिलाफ नफरती पोस्ट करने के लिए कुछ खास तरह के की-वर्ड और हैशटैग का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें हिंदूनाजी, पाजीत, इंडियाआउट, फ्री कश्मीर जैसे प्रमुख की-वर्ड और हैशटैग शामिल हैं।
जब NCRI ने ट्विटर पर इन हैशटैग की पड़ताल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से की तो बड़ी जानकारी सामने आई। जैसे- 3 साल में 10 लाख से ज्यादा हिंदू विरोधी ट्वीट तो सिर्फ ईरान के ट्रोल्स ने किए हैं।
रिसर्च में इन सोशल मीडिया पोस्ट के नेचर हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को भड़काने वाले हैं। इन पोस्ट में हिंदू देवता, प्रतीकों, संस्कृति और रहन-सहन के तरीकों को टारगेट किया गया है।