युवतियों के यौन शोषण करने वाले बाबा की करीबी शिष्या गिरफ्तार, चार साल से चल रही थी फरार

Baba's close disciple arrested for sexually abusing girls, was absconding for four years
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लखनऊ: एसटीएफ ने युवतियों को सत्संग में शामिल होने के नाम पर यौन शोषण करने वाले कथित बाबा सच्चिदानंद की करीबी शिष्या काकोरी इलाके से गिरफ्तार कर ली गई है। वह चार साल से फरार चल रही थी। बस्ती पुलिस ने उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। रविवार को एसटीएफ की टीम ने उसे लखनऊ के काकोरी इलाके से दबोच लिया। पुलिस के मुताबिक बस्ती में चार मुकदमे दर्ज है। एसटीएफ एसपी विशाल विक्रम सिंह की टीम ने रविवार को बस्ती से चार साल से फरार चल रही प्रियंका श्रीवास्तव उर्फ कमला बाई को काकोरी इलाके में आगरा एक्सप्रेस वे से गिरफ्तार कर लिया है। उस पर संत कुटीर आश्रम बस्ती में सत्संग के दौरान युवतियों को फंसाकर कथित बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद के सामने पेश करती थी। बाबा युवतियों को बंधक बनाकर उनके साथ दुष्कर्म करता थज्ञ। इस काम में बाबा की मदद प्रियंका उर्फ कमला बाई और प्रमिला बाई करती थी। नगर कोतवाली में इस मामले से संबंधित 20 दिसंबर 2017 में दुष्कर्म, धमकी, मारपीट व साजिश रचने के दो मुकदमें दर्ज हुए थे। इसके बाद बाबा व उसकी दोनों करीबी शिष्याएं फरार चल रही थी। इस मामले में पुलिस ने बाबा के आश्रम की कुर्की भी करा दी है।

झारखंड की युवतियों को भागने के बाद हुआ खुलासा
दिसंबर 2017 में संत कुटीर में यौन शोषण का मामला सामने आया। मामला तब प्रकाश में आया जब आश्रम से झारखंड की रहने वाली युवतियों को वहां से भगा दिया गया था। आश्रम की अन्य महिलाओं के साथ किसी तरह बचती हुई युवतियां एसपी कार्यालय पहुंची। वहां मौजूद अधिकारियों को जब युवतियों ने आश्रम की हकीकत बताई तो उनके होश उड़ गये। तत्काल मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इस मामले में सच्चिदानंद उर्फ दयानंद, कमला बाई उर्फ प्रियंका श्रीवास्तव और प्रमिला बाई को नामजद किया गया। आरोप था कि 2008 से दो मुख्य सेविकाएं आश्रम में यह अनैतिक कार्य करवा रही थी। इनमें महाराष्ट्र के नंदुवार इलाके के रहने वाले परमचेतनानंद और बस्ती की रहने वाली उर्मिला बाई को पुलिस ने पांच अगस्त 2018 को और मुख्य आरोपित सच्चिदानंद उर्फ दयानंद को 30 जून को गिरफ्तार कर लिया था। एक आरोपित प्रमिला बाई अभी पुलिस की पकड़ से दूर है।

साध्वी का दर्जा दिलाने के नाम पर होता था यौन शोषण
पीड़ित महिलाओं का आरोप था कि सत्संग व प्रवचन के नाम पर महिलाओं और कम उम्र की लड़कियों को आश्रम में बुलाया जाता है। उनमें से पसंद की लड़कियों को साध्वी का दर्जा देकर आश्रम में रख लिया जाता था। उन्हें अनुष्ठान के जरिए विशेष कृपा दिलाने का दिलासा दिया जाता था। उनका विश्वास जीतने के बाद दिल्ली स्थित आश्रम के मुख्यालय अथवा यहां के कथित बाबा और चेलों के निर्देश पर उन्हें अलग-अलग शहरों में प्रवचन-सत्संग के बहाने भेजकर उनका यौन शोषण किया जाता था।