हिमाचल में बजट सत्र से पहले कर्मचारी सियासत में उबाल, छठे वेतन आयोग की सिफारिशों पर संघ

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शिमला: बजट सत्र से ऐन पहले प्रदेश की कर्मचारी राजनीति में उबाल आएगा। कर्मचरी नेता विनोद कुमार आज अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की घेराबंदी करेंगे। वह सरकार से मान्यता प्राप्त महासंघ पर सवाल उठाएंगे। इस संबंध में प्रेस क्लब शिमला में दोपहर बाद पत्रकार वार्ता करेंगे। वह कर्मचारियों से जुड़े कई मामले उठाएंगे। विनोद कुमार अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के विनोद गुट के अध्यक्ष हैं। इससे पहले कर्मचारी परिसंघ में थे, वहां से छिटक कर महासंघ में आए, लेकिन यहां दाल नहीं गली, सरकार ने पौने चार वर्ष बाद अश्वनी गुट को मान्यता दी, इससे इनकी सरकार से नाराजगी बढ़ती गई।

अब उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार कर्मचारियों के हितों की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को सही तरीके से लागू नहीं किया गया है। पंजाब की तर्ज पर इसे लागू करने से परहेज किया गया है। अगर यही हालात रहे तो अगले पे स्केल में पंजाब का कोई आधार नहीं रह जाएगा। कर्मचारी नेता के अनुसार राज्य सरकार को अगर पंजाब के वेतनमान को लागू नहीं करना था तो केंद्रीय पेट्रन जारी करना चाहिए था। उन्होेंने कहा कि अनुबंध से नियमित होने पर दो साल का राइडर लगाना बिल्कुल गलत है, इसे हटा देना चाहिए।

उधर, सरकार समर्थक कर्मचारी नेताओं का कहना है कि मौजूदा सरकार ने कर्मचारियों को करीब आठ हजार करोड़ के वित्तीय लाभ देने की घोषणा की थी। संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक में यह घोषणा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने की थी। इसे अब लागू कर दिया है। उन्होंने कहा छठे वेतन आयोग की अधिकांश विसंगतियों का निराकरण कर दिया है। बावजूद इसके कुछ लोग सरकार की सौगातों को पचा नहीं पा रहे हैं।