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रायपुर : छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी संगठन में लगातार बदलाव कर रही है, इसी बीच प्रदेश अध्यक्ष पद में फेरबदल के बाद अब पार्टी ने नेता प्रतिपक्ष को बदल दिया है। बुधवार को भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यालय में हुई विधायक दल की बैठक के बाद प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने बंद लिफाफे को खोल कर जांजगीर चांपा से विधायक नारायण चंदेल को नेता प्रतिपक्ष बनाया है। वहीं, विधायकों की सर्व सहमति से विपक्ष ने अपने विधायक दल का नेता चुन लिया है। माना जा रहा है कि भाजपा का यह फैसला आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर किया गया है।
ऐसा रहा नारायण चंदेल का राजनीतिक सफर
19 अप्रैल 1965 को जन्मे नारायण चंदेल एक भारतीय राजनीतिज्ञ और भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ राज्य के महासचिव हैं। भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर जांजगीर-चांपा का प्रतिनिधित्व करने वाली छत्तीसगढ़ विधान सभा के सदस्य हैं। छत्तीसगढ़ विधान सभा के उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया है। तीन बार के विधायक रहे चंदेल पहली बार 1998 में मध्य प्रदेश विधान सभा के लिए चुने गए। मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण के बाद उन्होंने 2003 छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव उसी निर्वाचन क्षेत्र से लड़ा, लेकिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मोती लाल देवांगन से 7,710 मतों के अंतर से हार गए। फिर से उन्होंने 2008 का विधानसभा चुनाव जीता और छत्तीसगढ़ विधानसभा में उपाध्यक्ष बने। 2018 में चंदेल फिर से कांग्रेस पार्टी के मोती लाल देवांगन को 4,188 मतों के अंतर से हराकर विधानसभा के लिए चुने गए। अब वे छत्तीसगढ़ में बीजेपी विधायक दल के नेता के रूप में काम करेंगे।
विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी में फेरबदल
2023 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी लगातार प्रदेश में संगठन में फेरबदल कर रही है, पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को बदलना और छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के सांसद अरुण साहू को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपना। उसके बाद अब नेता प्रतिपक्ष पद में फेरबदल कर धरमलाल कौशिक की जगह नारायण चंदेल को नेता प्रतिपक्ष बनाना। कुल मिलाकर भाजपा आगामी चुनाव की तैयारी और नए चेहरे को मौका देने के साथ ओबीसी वर्ग को भी साधना के जुगाड़ में लग गई है।