उत्तराखंड में घर बनाना हुआ महंगा, रेत लाने पर रोक; जानें सरिया, ईंट-रेत के नए रेट

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देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने हिमाचल प्रदेश से रेत, बजरी व बोल्डर लाने पर रोक लगा दी है। इस से जहां उत्तराखंड के खनन कारोबारियों को लाभ मिलने की संभावना है। जबकि, आम लोगों के लिए अब मकान बनाना और महंगा हो गया है। राज्य में हर दिन बड़ी मात्रा में हिमाचल प्रदेश से रेत, बजरी और बोल्डर की आपूर्ति होती है।

पांवटा से ही 500 से अधिक ट्रक रोजाना रेत बजरी लेकर उत्तराखंड आते हैं। लेकिन सरकार ने अब हिमाचल से रेत, बजरी और बोल्डर लाने पर रोक लगा दी है। सचिव खनन मीनाक्षीसुंदरम और दून के जिलाधिकारी आर राजेश कुमार ने यह आदेश किए हैं। ट्रांसपोर्टरों ने सरकार के इस कदम को गलत बताते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को ज्ञापन भेजा है।

देवभूमि ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन के अनिल पांडे ने मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में कहा है कि अधिकारियों ने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए ऐसा आदेश किया है जो पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार रेत, बजरी और बोल्डर की आपूर्ति देशभर में कहीं भी नियमों के तहत की जा सकती है।

देहरादून में 40 रुपये टन महंगी हुई रेत
हिमाचल से रेत, बजरी और बोल्डर लाने पर रोक से लोगों की मुसीबत बढ़ गई है। अब दून में रेत 40 रुपये प्रति टन महंगी हो गई है। हिमाचल से सप्लाई के दौरान रेत का एक टन 80 रुपये का था जो अब 120 रुपये तक पहुंच गया है।

सरिया में पहले आ चुका है उछाल: सरिया की कीमतों में पहले से ही जबदरस्त उछाल है। दून में सरिया के दाम 1500 रुपये बढ़ गए हैं। फरवरी में 6700 रुपये प्रति कुंतल बिकने वाली सरिया की कीमत मार्च आते-आते 8200 रुपये तक पहुंच गई है। भट्ट सीमेंट स्टोर के संचालक अनुराग भट्ट ने बताया कि पिछले महीने सरिये के दाम 6700 रुपये थे, जबकि रविवार को 8200 रुपये कुंतल रहा।

ईंट भी लगातार हो रही महंगी : इस समय केवल सरिया और रेत की कीमतें ही नहीं बढ़ रही हैं। बल्कि ईंट भी खासी महंगी हो गई है। पहले अव्वल ईंट के एक ट्रक के रेट 4500 से 5000 के बीच थे। अब यह रेट 5000 से 6000 के बीच हो गए हैं।

पकड़े जाने पर जब्त होंगे वाहन
डीएम और खनन अधिकारी की ओर से किए गए आदेश में कहा गया है कि यदि हिमाचल बार्डर से रेत, बजरी और बोल्डर लाते हुए कोई ट्रक पकड़ा जाता है तो ऐसे वाहन को तत्काल जब्त कर दिया जाएगा। देहरादून के जिलाधिकारी की ओर से जिलाधिकारी सिरमौर को भी इस संदर्भ में पत्र भेजा गया है।