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नई दिल्ली। पहले से मनी लांड्रिंग की जांच का सामना कर रहे पूर्व आइएएस अधिकारी हर्ष मंदर पर अब सीबीआइ का शिकंजा कसने वाला है। बिना एफसीआरए लाइसेंस के एनजीओ में विदेशी सहायता प्राप्त करने के मामले में गृहमंत्री अमित शाह ने सीबीआइ जांच कराने का निर्देश दिया है। हर्ष मंदर यूपीए सरकार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को नीतिगत मामलों में सलाह देने वाली नेशनल एडवाइजारी कौंसिल के साथ ही योजना आयोग के भी सदस्य थे। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार हर्ष मंदर के एनजीओ अमन बिरादरी ट्रस्ट के पास एफसीआरए का लाइसेंस नहीं है। इसके बावजूद इस एनजीओ में आक्सफोम और एक्शन एड जैसी कुछ विदेशी एनजीओ से तीन करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी सहायता मिली।
नियम के मुताबिक देश में किसी भी एनजीओ के लिए विदेशी सहायता प्राप्त करने के लिए एफसीआरए लाइसेंस लेना अनिवार्य है। बिना एफसीआरए लाइसेंस के विदेशी सहायता हासिल करने को गंभीर मामला मानते हुए गृह मंत्रालय ने सीबीआइ को जांच के लिए भेज दिया है।
ध्यान देने की बात है कि दो एनजीओ में गड़बड़ियों के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की शिकायत पर दिल्ली पुलिस हर्ष मंदर के खिलाफ पहले से जांच कर रही है। इसके साथ ही मनी लांड्रिंग के आरोपों की जांच के सिलसिले में 2020 में ईडी ने हर्ष मंदर से जुड़े ठिकानों पर छापा भी मारा था।