कैबिनेट में चर्चा के बाद बोले सीएम, राजस्थान में ओबीसी आरक्षण पर फैसला करेगी सरकार

CM said after cabinet discussion, government will decide on OBC reservation in Rajasthan
CM said after cabinet discussion, government will decide on OBC reservation in Rajasthan
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Rajasthan के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि भारत जोड़ो यात्रा का विरोध जताने वाले गुर्जर नेताओं की समाज व कौम के लिए कोई मांगे शिकायत है तो राज्य सरकार की सुनवाई करेगी। अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी आरक्षण विसंगति के मुद्दे पर शीघ्र समाधान की उम्मीद जताते हुए गहलोत ने कहा कि सरकार इस पर भी जल्दी निर्णय करेगी। गहलोत ने कहा कि हम चाहेंगे कि इस मुद्दे पर हम कैबिनेट में चर्चा करके फैसला करें। उनके साथ अन्याय किसी रूप में नहीं होगा दोनों पक्षों के साथ पूरा न्याय होगा। कांग्रेस वार रूम के बाहर बुधवार को मीडिया से गुर्जर नेताओं के राहुल गांधी की यात्रा को बाधित करने की धमकी को लेकर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यही लोकतंत्र है। हम संविधान को आधार बनाकर शासन कर रहे हैं तो किसी भी व्यक्ति को संस्था को बोलने का हक है। वह बोल सकते हैं। उनकी कोई मांग है। कोई सुझाव है। कौम के लिए, वर्ग के लिए तो हम उनकी सुनवाई करेंगे। उनकी शिकायतें दूर करने का प्रयास करेंगे। गहलोत ने कहा कि बोलने का अधिकार हम नहीं छीन सकते। यह भाजपा और आरएसएस की विचारधारा है। बोलने का हक छीनने की।

भारत जोड़ो यात्रा से नए रूप में सामने आए राहुल गांधी
सीएम गहलोत ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा से पार्टी नेता राहुल गांधी एक नए रूप में सामने आए हैं। गहलोत ने कहा कि इस यात्रा ने पूरे देश को एक संदेश दिया है और राजस्थान में भी यह यात्रा शानदार रहेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा सोशल मीडिया ने राहुल गांधी की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया था। उसकी धज्जियां उड़ गई। राहुल नए रूप में सामने आए हैं। एक समर्पित प्रतिबद्ध नेता के रूप में।

भूतपूर्व सैनिकों को श्रेणीवार आरक्षण देने पर किया जा रहा विचार
सरकार द्वारा राज्य की भर्तियों में भूतपूर्व सैनिकों को श्रेणीवार आरक्षण का लाभ देने पर विचार किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक सहित देश के अधिकांश राज्यों में केंद्र शासित प्रदेशों की भर्तियों में भूतपूर्व सैनिकों को मिल रहे आरक्षण के नियमों का अध्ययन कराया गया है। इनमें ऐसे बड़े राज्यों जिनमें भूतपूर्व सैनिकों को भर्तियों में 5% से अधिक आरक्षण दिया जा रहा है। उनके बारे में विस्तृत जानकारी ली गई है। साथ ही विभिन्न राज्यों के भर्तियां आयोग एवं चयन बोर्ड की भर्ती विज्ञप्तियों का भी अध्ययन किया गया। उदाहरण के तौर पर भारत सरकार की भर्तियों दिल्ली पुलिस, महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग, पश्चिम बंगाल लोक सेवा आयोग, उत्तराखंड भर्ती आयोग तथा पंजाब पुलिस भर्ती की विज्ञप्तियों में भूतपूर्व सैनिकों का आरक्षण श्रेणीवार निर्धारित कर ही विज्ञप्ति जारी की जाती है।

महाधिवक्ता की राय के हिसाब से कार्रवाई
इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मुख्य सचिव उषा शर्मा द्वारा विभिन्न सैनिक संगठनों, भूतपूर्व सैनिकों के प्रतिनिधि मंडल एवं सैनिक कल्याण विभाग के निदेशक से भी विस्तृत चर्चा की गई। महाधिवक्ता के साथ बैठक में उन्होंने भी भूतपूर्व सैनिकों का आरक्षण होरिजेंटल कंपार्टमेंट वॉइज करने को विधिक रुप से उचित माना। ऐसा करने पर अन्य आरक्षित श्रेणी के भूतपूर्व सैनिकों को भी समग्र रूप से सीधी भर्तियों में आनुपातिक प्रतिनिधित्व मिल सकेगा। साथ ही पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पदों में से पिछड़े वर्ग के सामान्य अभ्यर्थियों के लिए भी समय प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सकेगा।