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शिमला: मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं जैसे फोर लेनिंग, रणनीतिक रक्षा बुनियादी ढांचे आदि के लिए तेजी से वन मंजूरी प्रदान करने के लिए शिमला में मंत्रालय का एक अलग और पूर्ण रूप से कार्यशील एकीकृत क्षेत्रीय कार्यालय (आईआरओ) खोलने का आग्रह किया. उन्होंने इस कार्यालय को उप-कार्यालय तक सीमित नहीं करने का भी आग्रह किया. मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि राज्य सरकार प्रदेश में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूलों का निर्माण करने जा रही है. इनका परिसर लगभग पांच हेक्टेयर क्षेत्र में होगा. उन्होंने पहाड़ी क्षेत्रों में स्कूलों के निर्माण के लिए वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के तहत वन भूमि के विचलन (डायवर्जन) की सीमा में छूट प्रदान कर इसे बढ़ाने का आग्रह किया. उन्होंने एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूलों में यह सीमा 6 हेक्टेयर और डे-बोर्डिंग स्कूलों के लिए 5 हेक्टेयर तक बढ़ाने का आग्रह किया.
उन्होंने राज्य सरकार को वन संरक्षण अधिनियम 1980 के तहत 5 हेक्टेयर तक गैर वानिकी उद्देश्य के लिए वन भूमि के परिवर्तन को मंजूरी देने का अधिकार प्रदान करने का भी आग्रह किया. मुख्यमंत्री ने अवगत करवाया कि राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में हेलीपोर्ट बनाने का निर्णय लिया है. यह प्रस्ताव अभी भी मंत्रालय के पास लंबित हैं. उन्होंने इन प्रस्तावों को प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया. केंद्रीय मंत्री ने राज्य को हर संभव सहयोग देने का आग्रह किया.
मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, विधायक सुरेश कुमार, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, प्रधान आवासीय आयुक्त एस.के. सिंगला, प्रधान मुख्य अरण्यपाल राजीव कुमार भी बैठक में उपस्थित थे.