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जयपुर: राजस्थान में भगवान रामके नाम पर बेशुमार सियासत हो रही है. अब कांग्रेस को भी राम रास आने लगे हैं. अब कांग्रेस के लिए राम काल्पनिक पात्र नहीं बल्कि वो मर्यादा पुरुषोत्तम हैं, जो भारत के जन-जन की आस्था में बसते हैं. सियासत में भाजपा का राम पर अब एकाधिकार नहीं रहा. राम अब सबके हैं. राजस्थान में इन दिनों राम को लेकर सियायत चरम पर है. कांग्रेस भाजपा से राम का एकाधिकार छीनने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है. हालांकि राम सदियों से सबके श्रद्धेय रहे हैं. हिंदू के भी और मुसलमान के भी, मगर सियासत ने उनके नाम पर जमकर वोटों की फसलें काटी हैं.
राजनीति के जानकार कहते हैं कि भाजपा तो राम के नाम की बदौलत शून्य से शिखर तक पहुंच गई. उसने राम के नाम को जमकर भुनाया. राजस्थान में विधानसभा के उपचुनाव होने हैं. ऐसे में सियासत में राम की चर्चा फिर से शुरू हो गई. बीजेपी और कांग्रेस राम पर अपना-अपना अधिकार जताने में जुटी हैं. इसको लेकर बयानबाजियों का दौर भी शुरू हो गया है.
राजस्थान के दिग्गज बीजेपी नेता गुलाबचंद कटारिया ने राम पर भाजपा का एकाधिकार जताते हुए बयान दिया कि बीजेपी है तभी राम का सम्मान है. उपचुनाव से पहले कटारिया के इस बयान पर कांग्रेस ने जबरदस्त आपत्ति जताई. कांग्रेस ने कटारिया पर भगवान राम के अपमान का आरोप लगाया. अयोध्या में मंदिर का शिलान्यास हुआ तो कांग्रेस नेता व राज्य सरकार में मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने घर पर आरती का आयोजन किया. वो बढ़-चढ़कर राम के लिए अपनी आवाज बुलंद करते हैं.
खाचरियावास ने बीजेपी पर राम के नाम पर गंदी राजनीति करने का आरोप लगाया. दरअसल राजस्थान में विधानसभा की दो सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं. कटारिया के गृह जिले में कभी भी चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है. वल्लभनगर और धरियावद में कटारिया को राम के नाम पर घेरने का कांग्रेस ने प्लान तैयार कर लिया है.