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जयपुर। भाजपा प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने गहलोत सरकार की नीतियों और कार्यशैली पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को जनता की कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की बहुत बड़ी विडंबना कि यहां के मुख्यमंत्री घर से निकलते ही नहीं हैं। वहीं मंत्रिमंडल विस्तार व पुनर्गठन में हो रही देरी के मामले में प्रभारी अरुण सिंह ने सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार मंत्रिमंडल में बदलाव करने को लेकर देर करके अपने आप को बचाने की संजीवनी लेने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस खेमे में गुटबाज़ी पर बोलते हुए सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में नेताओं के आपसी झगड़ों का खामियाज़ा प्रदेश की जनता को उठाना पड़ रहा है। इस झगडे को सुलझाने के लिए कभी कर्नाटक से डीके शिवकुमार आ रहे हैं तो कभी हरियाणा से कुमारी शैलजा आती हैं। उन्होंने कहा कि गहलोत पायलट में अब मतभेद नहीं बल्कि मनभेद हो चुका है।
प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि जो सरकार अपनी ही पार्टी के विधायकों को संतुष्ट नहीं कर सकती वो जनता की क्या सुध लेगी? यही वजह है कि सरकार ने यहां के प्रदेशवासियों को भगवान के भरोसे छोड़ रखा है। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार की नीयत ठीक नहीं है, जबकि नीतियों में भी खोट है। यही वजह है कि प्रदेश की सरकार से जनता ठगी हुई महसूस कर रही ही।
पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा पर निशाना साधते हुए अरुण सिंह ने कहा कि डोटासरा अपने घरवालों को ही मार्क्स दिला रहे हैं। वे अपने पूरे परिवार को ही नंबर दिलवा रहे हैं। यही वजह है कि प्रदेश का युवा अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। वहीं अरुण सिंह ने कहा कि सरकार अपने ही घर मे रेवड़ी बांट रही है। बजरी माफिया और करप्शन के नाम पर भी लूट का खेल जारी है।