हरियाणा में अब तक कांग्रेस नहीं उतार पाई एक भी उम्मीदवार, इन नामों को लेकर आपस में रार

Congress has not been able to field even a single candidate in Haryana till now, there is a tussle among themselves over these names.
Congress has not been able to field even a single candidate in Haryana till now, there is a tussle among themselves over these names.
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चंडीगढ़: दो दिन बाद ही लोकसभा चुनाव शुरू हो रहा है। कांग्रेस पार्टी ने हरियाणा को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अपने प्रत्याशियों का ऐलान किया है। वहीं हरियाणा में प्रत्याशियों का नाम फाइनल करने में देरी हो रही है। जबकि भाजपा इस मामले में आगे ह। दरअसल हरियाणा की लोकसभा सीटों को लेकर कुछ ऐसे नाम है जिनपर आपस में ही सहमति नहीं बन पा रही है। पार्टी के सीनियर नेता ही सुझाए गए नामों के विरोध में खड़े हो गए हैं। 14 अप्रैल को सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की बैठक में पार्टी के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला और पूर्व सांसद कुमारी शैलजा ने भिवानी और गुरुग्राम सीट पर प्रस्तावित नामों को लेकर आपत्ति जताई थी।

दो कांग्रेस नेताओं के मुताबिक सीईसी ने पार्टी के विधायक राव धन सिंह का नाम भिवानी सीट के लिए और पूर्व सांसद राज बब्बर का नाम गुरुग्राम सीट के लिए प्रस्तावित किया था। उन्होंने कहा, जब इन दोनों नामों पर विचार किया जा रहा था तो सुरजेवाला और शैलजा दोनों ने ही आपत्ति जाहिर की। उन्होंने कहा कि सीईसी को श्रुति चौधरी और कैप्टेन अजय यादव के नाम पर विचार करना चाहिए। ये दोनों भिवानी और गुरुग्राम की सीट के लिए बेहतर उम्मीदवार हो सकते हैं।

वहीं बात करें राज बब्बर और धन सिंह की तो ये दोनों पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा के करीबी बताए जाते हैं। वहीं जब सीईसी के दो महत्वपूर्ण सदस्यों ने आपत्ति जाहिर कर दी तो मामला सोनिया गांधी के सामने रखा गया। उन्होंने एक कमेटी का प्रस्ताव रखा जो कि सिफारिश करे। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तीन सदस्यों की कमेटी बना दी जिसमें महासचिव केसी वेणुगोपाल, मधुसूदन मिस्त्री और पर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद शामिल हैं।

वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक सुरजेवाला और शैलजा पहले ही खुर्शीद से मुलाकात कर चुके हैं। वे चाहते हैं कि किसी भी कीमत पर चौधरी और यादव को टिकट मिले। उन्होंने खुर्शीद से मुलाकात करके उन्हें जातिगत समीकरण भी समझाने की कोशिश की। सीईसी की आखिरी बैठक के बाद दिल्ली की सीटों पर तीन नाम फाइनल किए गए थे। इसके अलावा पंजाब और इलाहाबाद की सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान किया गया था।