चीन के वुहान से कोरोना विस्फोट हुए पूरे तीन साल हो चुके हैं। चीन ने शुरुआत से ही कोविड संक्रमण के रोकथाम के लिए बहुत ही कठोर नीति अपनाए रखी थी। लेकिन, पिछले कुछ समय से चीन की डरी-सहमी जनता ने धीरे-धीरे अपनी आवाजें उठानी शुरू की हैं। उन्होंने बताया कि दुनिया ने कैसे कोविड के साथ जीने का तरीका सीखा है और वह संक्रमण रोकने के लिए अपने नागरिकों पर जुर्म नहीं करते। दुनिया भर के लोगों ने घरों में कैद रहना बंद कर दिया है। काफी बवाल के बाद चीन ने अचानक अपनी जीरो-कोविड नीति में ढील देनी शुरू की है। लेकिन, अब इसका जो परिणाम होने वाला है, वह बहुत ही भयानक होने की आशंका है। वैज्ञानिकों ने रिसर्च के आधार पर दावा किया है कि अगर अब चीन को खोलने में तेजी दिखाई गई तो 10 लाख लोगों तक की जान जाने का खतरा है। क्योंकि, चीन की सरकार ने अपनी जनता में कोविड के खिलाफ प्रतिरोधात्मक क्षमता एकदम ही विकसित नहीं होने दी है।
चीन की नीति से हालात बिगड़ने की आशंका
चीन में कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार ने बीते तीन वर्षों से जीरो-कोविड नीति अपना रखी थी। लेकिन, पिछले दिनों इसके खिलाफ लोग जो बेदम होकर विद्रोह पर उतारू हो गए तो शी जिनपिंग सरकार ने मजबूरन अचानक कई सारी पाबंदियों में ढिलाई देनी शुरू कर दी। लेकिन, हालात ऐसे बन रहे हैं कि चीन की यही नीति अब वहां कहर बरपाने वाला है। हॉन्ग कॉन्ग के कुछ शोधकर्ताओं ने हाल में एक शोध के बाद पाया है कि जीरो-कोविड पॉलिसी में अचानक ढील दिए जाने के चलते वहां करीब 10 लाख लोगों की कोरोना की वजह से मौत हो सकती है। रिसर्च के अनुसार सख्तियों में ढील दिए जाने की वजह से 2022 के दिसंबर से 2023 के जनवरी के बीच वहां केस लोड की संख्या इतनी बढ़ेगी कि देश का पूरा हेल्थ सिस्टम उथल-पुथल हो सकता है।
जीरो-कोविड नीति में बदलाव पड़ेगा भारी-रिसर्च
यूनिवर्सिटी ऑफ हॉन्ग कॉन्ग से जुड़े वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में पाया है कि व्यापक स्तर पर वैक्सिनेशन नहीं होने, बूस्टर अभियान नहीं चलने और वायरस को बेसर करने के बाकी उपायों की कमी के चलते देशव्यापी गतिविधियां शुरू होने पर प्रति 10 लाख लोगों में 684 लोग मारे जाएंगे। इस नतीजे पर पहुंचने से पहले वैज्ञानिकों ने कई परिस्थितियों की छानबीन की है, जिनमें 7 दिसंबर को जीरो-कोविड पॉलिसी के तहत 10 कदम वापस लिए जाने की घोषणा भी शामिल है। इसमें अनिवार्य टेस्टिंग ऑर लॉकडाउन जैसे कदम भी शामिल हैं।
चीन में 9,64,400 लोगों की मौत हो सकती है- रिपोर्ट
ब्लूमबर्ग की गणना के आधार पर इसका परिणाम ये हो सकता है कि 1.41 अरब आबादी वाले चीन में लगभग 9,64,400 लोगों की मौत हो सकती है। इस टीम में शामिल वैज्ञानिक वही हैं, जो इस साल की शुरुआत में हॉन्ग कॉन्ग में पहले ही वायरस संक्रमण की गंभीरता का पूर्वानुमान लगाकर कई जानें बचाई थीं। चीन ने वुहान में करीब तीन साल पहले ही कोविड-19 महामारी भड़कने के बाद से डिनामिक जीरो-कोविड नीति अपनाकर इस महामारी को नियंत्रित करने का दावा किया है। लेकिन, इस साल नवंबर से चीन ने इस नीति में बदलाव का रास्ता अख्तियार किया है।
इन उपायों से 26% तक जानें बच सकती हैं- शोध
शोधकर्ताओं ने रिसर्च पेपर में लिखा है, ‘हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि दिसंबर 2022 से जनवरी 2023 के बीच फिर से गतिविधियां शुरू होने से सभी प्रांतों में स्थानीय स्वास्थ्य व्यवस्था कोविड-19 के मामलों की वृद्धि का सामना करने में असमर्थ होंगी।’ रिपोर्ट के मुताबिक अगर ज्यादा सही तरीके से दोबारा कामकाज शुरू करने से जानें बचाई जा सकती हैं। शोधकर्ताओं ने यह भी कहा है कि यदि चीन वैक्सीनेशन की दर बढ़ा दे और एंटी-वायरल दवा भी जुटा ले और उसके बाद लॉकडाउन से बाहर आने की प्रक्रिया को जनवरी तक टाल दे तो मौतों की संख्या में 26% तक की कमी लाई जा सकती है। हालांकि, इस शोध की अभी समीक्षा होनी बाकी है।
चीन में नए वेरिएंट के पैदा होने का बढ़ा खतरा
लेकिन, चीन में जीरो-कोविड नीति में बदलाव और ज्यादा तेजी से रियायत देने का एक और खतरा मंडरा रहा है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि संक्रमण का विस्फोट होने के चलते नए वेरिएंट के पैदा होने की आशंका है। क्योंकि, ज्यादा संख्या में संक्रमण की वजह से म्यूटेशन की आशंका बढ़ेगी और यह नए कोविड वेरिएंट पैदा होने का बहुत बड़ा कारण बन सकता है। इसका पता लगाने में एक बड़ी रुकावट ये है कि वहां की सरकार ने नए एसिम्पटोमेटिक मामलों का खुलासा करना बंद कर दिया है।
दुनिया भर में आएगी कोरोना की नई लहर ?
अमेरिका के बड़े संक्रामक रोग विशेषज्ञ और चीन की कोविड नीति के आलोचक रहे डॉक्टर एंथोनी फाउची ने कहा कि चीन ने यदि ‘आगे बढ़कर वैक्सीनेशन कैंपेन नहीं चालू किया’ तो वह दुनिया पर म्यूटेटेड वायरस की नई लहर का खतरा पैदा करेगा। फाइनेंशियल टाइम्स अखबार की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में बुधवार को उन्होंने कहा, ‘जब आप वायरस के ट्रांसमिशन की एक विशाल लहर का सामना करते हैं, आप इसे म्यूटेट करने का बहुत बड़ा मौका देते हैं।’