कर्ज ने कचूमर निकाला, दिवालिया होने से बचा लो… चीन-तुर्की से ‘भीख’ मांग रहा मालदीव

Debt has ruined you, save yourself from bankruptcy...Maldives is 'begging' from China-Turkey
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Maldives Latest News: मालदीव की माली हालत भले ही खस्‍ता हो मगर अभी वह दिवालिया नहीं हुआ है. तमाम मीडिया रिपोर्ट्स में मालदीव के दिवालिया होने का दावा किया गया था. हालांकि, अभी तक मालदीव ने खुद को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया नहीं शुरू की है. भारत से खार खाने वाले राष्‍ट्रपति मोहम्‍मद मुइज्‍जू ने चीन और तुर्की के आगे हाथ फैलाया है. मालदीव पर 4.038 बिलियन डॉलर का बाहरी कर्ज है. देश का घरेलू कर्ज भी इसी आंकड़े के करीब पहुंचने वाला है. मालदीव की सालाना आय करीब 5.6 बिलियन डॉलर है. यानी, मालदीव बड़े आर्थिक संकट के मुहाने पर खड़ा है. चीन और इस्‍लामिक देशों से मदद मांग रहे मुइज्‍जू को किसी ने घास तक नहीं डाली है.

मालदीव के बाहरी कर्ज में चीन की हिस्सेदारी करीब 30 प्रतिशत (1.3 बिलियन डॉलर) है. आर्थिक बर्बादी के कगार पर खड़े मालदीव की स्थिति पर भारत सरकार की नजर है. हिंदुस्‍तान टाइम्‍स की रिपोर्ट के अनुसार, नई दिल्‍ली में बैठी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार अभी ‘वेट एंड वॉच’ के मूड में है.

चीन देने लगा इशारा, मालदीव को नहीं मिलेगा सहारा!
मुइज्‍जू की बार-बार गुहार से चीन का दिल नहीं पसीज रहा. बीजिंग से तमाम संकेत मिल रहे हैं कि मालदीव को कोई सहारा नहीं मिलने वाला. ची‍न के जासूसी जहाज Xiang Yang Hong 03 को 8 फरवरी को माले बंदरगाह पहुंचना था, वह अब तक नहीं पहुंचा है. मुइज्‍जू ने बीजिंग यात्रा के दौरान, राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग से ज्यादा से ज्‍यादा संख्‍या में चीनी पर्यटकों को मालदीव भेजने को कहा था. वह पुकार भी ज्यादातर अनसुनी कर दी गई.

कहीं पाकिस्तान, केन्या जैसा न हो मालदीव का हाल
श्रीलंका, पाकिस्तान जैसे तमाम देश चीन के इस रवैये से अच्छी तरह वाकिफ हो चुके हैं. शायद मुइज्‍जू को भी जल्‍द चीन के इरादों का अहसास होने वाला है. मालदीव की जनता को धीरे-धीरे चीन की चाल समझ आ रही है. पब्लिक का मूड चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के पक्ष में नहीं. BRI के तहत चीनी बैंकों से तगड़े ब्याज पर कर्ज लेने वाले पाकिस्तान, केन्या और तंजानिया जैसे देश आज आर्थिक बदहाली झेल रहे हैं.

मुइज्‍जू के भारत विरोधी राग अलापने पर दिल्‍ली में बैठी सरकार ने संयम नहीं खोया. HT की रिपोर्ट बताती है कि मोदी सरकार ने नौसेना को हरी झंडी दे रखी है कि वह इलाके में अपनी पैठ और मजबूत करे. लक्षद्वाप के अगाती द्वीप पर मौजूद एयरस्ट्रिप को बढ़ाया जाएगा. इसके अलावा मिनीकॉय द्वीप पर नया एयरबेस बनाने को भी मंजूरी दी जा चुकी है.