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इंदौर: मध्य प्रदेश के रतलाम में एक शख्स को रेप के झूठे केस में करीब दो साल तक सलाखों के पीछे रहना पड़ा। 666 दिनों तक जेल में बिताने के बाद बाहर निकले शख्स ने अब सरकार से 10006 करोड़ रुपए का हर्जाना मांगा है। इसमें कारोबार को हुए नुकसान से लेकर मुकदमे तक का खर्च शामिल है। खास बात यह है कि कुल मांगी गई रकम में से 10 हजार करोड़ रुपए वह इसलिए चाहता है कि वह इस दौरान ‘भगवान की ओर से मानव को दिए उपहारों, जैसे सेक्स’ से वंचित रहा।
35 साल के कांतिलाल भील का कहना है कि आरोपों और जेल ने उसकी दुनिया पलट दी। उसकी पत्नी, बच्चे और मां को बहुत दर्द से गुजरना पड़ा। उसने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, ”मैं नहीं बता सकता कि उन दो साल की जेल में मुझे क्या भुगतना पड़ा। मेरा परिवार इनरवियर भी नहीं खरीद सकता था। मैंने भीषण ठंड और गर्मी का बिना कपड़ों के जेल में सामना किया।
कांति ने आगे कहा कि वह भगवती की कृपा से जेल से बाहर निकल पाए हैं क्योंकि वकील ने बिना फीस लिए उनके लिए केस लड़ा। अब वह जेल में बिताए हर दिन का हिसाब चाहते हैं। पीड़ित ने क्षतिपूर्ति याचिका में पुलिस पर ‘झूठे, मनगढ़ंत और मानहानिकारक बयान’ देने का आरोप लगाया गया है और कहा है कि झूठे आरोप ने उनके जीवन और करियर को बर्बाद कर दिया। कांतिलाल ने कहा कि जेल में उन्हें त्वचा रोग के अलावा कुछ अन्य बीमारियां मिलीं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि वह परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य हैं।
कांतिलाल ने कारोबार को हुए नुकसान, साख को पहुंची चोट, शारीरिक और मानसिक कष्ट, परिवार को हुए नुकसान के लिए 1-1 करोड़ रुपए की राशि मांगी है। इसके अलावा 10 हजार करोड़ रुपए सेक्स का आनंद नहीं ले पाने की वजह से चाहते हैं, जिसे वह भगवान की ओर से दिया गया उपहार मानते हैं। कांतिलाल ने जेल में रहते हुए मुकदमों के खर्च के लिए 2 लाख रुपए की मांग की है।
कांतिलाल के वकील विजय सिंह यादव ने कहा कि जिला अदालत ने केस की सुनवाई की तारीख 10 जनवरी तय की है। कांतिलाल को गैंगरेप केस में आरोपी बनाया गया था। 18 जनवरी 2018 को एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी कि वह भाई के घर जा रही थी तो रास्ते में कांतिलाल ने लिफ्ट देने के बहाने बाइक पर बिठा लिया। उसने जंगल में ले जाकर गैंगरेप किया। पुलिस ने कांतिलाल को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया, लेकिन कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया।