सर्वे पर योगी हुए सख्त तो लाईन पर आये मदरसेवाले, बोलेः जो भी हो, बस…

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UP Madrasa Survey: यूपी में मदरसों के सर्वे पर पिछले कई दिनों से महाभारत छिड़ी हुई है। असदुद्दीन ओवैसी ने मदरसों के सर्वे को मिनी NRC बताया लेकिन सर्वे को लेकर अब मुसलमानों के एक बड़े और प्रभावशाली संगठन जमीयत-उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulama-e-Hind) का बड़ा फैसला सामने आया है। जमीयत ने कहा है कि अगर कानून के तहत सर्वे होगा तो उसका विरोध नहीं किया जाएगा। सर्वे पर फैसले के लिए जमीयत ने स्टीयरिंग कमेटी बनाई है। ये कमेटी सर्वे पर आगे की राह तय करेगी। जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने मदरसों को अपना हिसाब-किताब ठीक करने का फरमान जारी किया है।

मदरसे में सर्वे को लेकर तीन बड़े फैसले

जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की दिल्ली में आज एक बैठक हुई जिसमें वो मदरसा संचालक शामिल हुए जो बिना सरकारी फंडिंग के मदरसे चला रहे हैं। जमीयत उलेमा ए हिंद की आज की बैठक में मदरसे में सर्वे को लेकर तीन बड़े फैसले हुए-

मदरसों के सर्वें को लेकर जमीयत की बैठक
दिल्ली में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने यूपी में मदरसों के सर्वे के विरोध में एक महत्वपूर्ण बैठक की और बैठक में सरकार से मिलने का निर्णय लिया गया और इसको लेकर एक स्टेरिंग कमेटी भी बनाई गई है। बैठक में यूपी के बड़े मदरसों से जुड़े लोग शामिल हुए, ये सभी लोग गैर सरकारी इमदाद से मदरसे चलाने वाले हैं। सरकारी ऐलान के बाद महमूद मदनी के साथ बैठक करने के बाद आगे की रणनीति तैयार की गई है।

‘मदरसों के मामले में जबरदस्ती नहीं होनी चाहिए’
यूपी सरकार के राज्य में मदरसों की शिक्षा व्यवस्था को लेकर जिलाधिकारियों को सर्वे कराने के निर्देश दिए जाने के खिलाफ हुई बैठक के बाद महमूद मदनी नें कहा, हम कहना चाहते हैं कि मदरसे देश की संपत्ति हैं और गरीबों के लिए मदरसे जरूरी हैं। मदरसे से निकले लोगों ने देश की सेवा की है, इसलिए मदरसों का रोल बहुत अहम है। आज के जमाने मे मदरसों को गलत निगाह से देखा जा रहा है मदरसों का काम आपसी दूरी को खत्म करना है। हम देश के लिए हैं, थे और रहेंगे। मदरसों के मामले में जबरदस्ती नहीं होनी चाहिए।

गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का होगा सर्वे
दरअसल यूपी में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे होगा और उसके बाद रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी जाएगी। सर्वे टीम में एसडीएम, बीएसए और जिला अल्पसंख्यक अधिकारी शामिल रहेंगे। टीम अपने सर्वे के बाद रिपोर्ट प्रशासन को सौंपेंगे और एसडीएम या अपर जिलाधिकारी से मिली रिपोर्ट का निरीक्षण करने के बाद ही जिलाधिकारी रिपोर्ट को आगे शासन के पास भेजेंगे।