बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से यूपी के कई जिलों में हालत खराब, 300 बिजली कर्मी सेवा मुक्त

Due to the strike of electricity workers, the condition worsened in many districts of UP, 300 electricity workers were freed from service.
Due to the strike of electricity workers, the condition worsened in many districts of UP, 300 electricity workers were freed from service.
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लखनऊ. यूपी में बिजलीकर्मियों की गुरुवार रात से शुरू हुई प्रदेशव्यापी हड़ताल का पहले 24 घंटे में ही व्यापक असर दिखा। आठ उत्पादन गृहों (तीन पहले से ही बंद) से बिजली उत्पादन ठप कर दिया गया। ट्रांसमिशन की कई लाइनें बंद होने और बड़ी संख्या में उपकेंद्रों और फीडरों से बिजली आपूर्ति बाधित होने का असर आम जनजीवन पर पड़ा। शहर से लेकर गांवों तक बड़े पैमाने पर कटौती की गई है। लोगों को बिजली और पानी का भीषण संकट झेलना पड़ा।

19 पदाधिकारियों को नोटिस
शुक्रवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेशों के मद्देनज़र पावर करपोरेशन ने देर रात विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति और अन्य संगठनों के पदाधिकारियों को हड़ताल तत्काल समाप्त करने का नोटिस दिया है। नोटिस में लिखा है कि हड़ताल में शामिल सभी कर्मचारियों को निर्देशित करें कि वह अपनी ड्यटी पर वापस जाएं। कुल 19 पदाधिकारियों का नाम नोटिस में शामिल है।

300 से अधिक की सेवा समाप्त
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के तहत कार्यरत कार्यदायी संस्थाओं द्वारा 242 संविदा कर्मी सेवा से हटाए गए जबकि दक्षिणांचल में 14 संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त की गई। वहीं बांदा में पांच हड़ताली बिजली कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि आपूर्ति में बाधा डालने वाले कर्मियों पर सख्ती की जाएगी। वहीं विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के दावे के मुताबिक बिजली का उत्पादन प्रभावित हुआ है।

रात की पाली में ड्यूटी पर नहीं पहुंचे कर्मचारी
उत्पादन गृहों, एसएलडीसी और पारेषण विद्युत उपकेंद्रों पर गुरुवार की रात की पाली में एक भी कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं गया। जिसके बाद प्रशासन और प्रबंधन ने शाम की पाली के कर्मचारियों को रात में ड्यूटी समाप्त होने के बाद भी जाने नहीं दिया। इनसे जबरन सुबह 7 बजे तक करीब 17 घंटे लगातार काम लिया गया। कई कर्मचारियों की तबीयत बिगड़ गई।

उत्पादन गिरा
अनपरा में 210-210 मेगावाट क्षमता की 2 यूनिटें, ओबरा में 200-200 मेगावाट की दो यूनिटें तथा पारीछा में 210 मेगावाट की एक यूनिट को बंद कर दिया गया है। अनपरा में 210 मेगावाट तथा 500 मेगावाट की दो यूनिटें तथा पारीछा में 110 मेगावाट की एक यूनिट जो पहले से बंद थी उसे भी कर्मचारियों के अभाव में नहीं चलाया जा सका। उत्पादन निगम की 1850 मेगावाट क्षमता की बिजली उत्पादन यूनिटें बंद रहीं।

आरोप गलत
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने ऊर्जा मंत्री द्वारा लगाए गए तोड़फोड़ के आरोपों को गलत करार दिया है। कहा है कि बिजली कर्मी विद्युत संयंत्रों को अपनी मां मानते हैं और शांतिपूर्ण ढंग से हड़ताल पर हैं।

हड़ताली कर्मचारियों को वारंट जारी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के बिजली कर्मचारियों की हड़ताल पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए कर्मचारी नेताओं को जमानती वारंट जारी किया है। कोर्ट ने प्रदेश भर में जहां भी बिजली गड़बड़ है, वहां तत्काल व्यवस्था बहाल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने 6 दिसंबर 2022 को जारी आदेश में बिजली विभाग के कर्मचारी नेताओं को नोटिस जारी कर तलब किया था लेकिन इस आदेश के अनुपालन में कोई भी हाजिर नहीं हुआ। इसे कोर्ट ने अवमानना मानते हुए नोटिस जारी किया है।