तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप में उत्तराखंड का इंजीनियर लापता, गैस प्लांट को शुरू कराने गए थे विजय

Engineer of Uttarakhand missing in the devastating earthquake in Turkey, Vijay had gone to start the gas plant
Engineer of Uttarakhand missing in the devastating earthquake in Turkey, Vijay had gone to start the gas plant
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देहरादून: उत्तराखंड का इंजीनियर तुर्की में आए भीषण भूकंप का शिकार हो गया है। वह लापता है। तलाश शुरू हुई है। दरअसल, देहरादून में रहने वाले 36 वर्षीय प्लांट इंजीनियर लापता हो गए हैं। विनाशकारी भूकंप के कारण तुर्की और सीरिया में हजारों लोगों की मौत हुई है। वहीं, अभी हजारों लोग लापता हैं। उत्तराखंड के इंजीनियर विजय कुमार भी इसी सूची में हैं। वे तुर्की के अनातोलिया क्षेत्र में गैस प्लांट के निर्माण और उसे शुरू कराने की योजना पर काम करा रहे थे। भूकंप के बाद से उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। तुर्की में 7.8 की तीव्रता का भूकंप सोमवार को आया था। इसमें भारी तबाही मची थी।

विजय कुमार देहरादून के बलावला इलाके में रहते हैं। वे बेंगलुरु के ऑक्सीप्लांट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में प्लांट इंजीनियर के रूप में काम कर रहे थे। कुल्कु गज नामक एक कंपनी के लिए वे एसिटिलीन गैस प्लांट के निर्माण और चालू करने के लिए तुर्की गए थे। तुर्की में औद्योगिक गैस आपूर्ति कंपनी के लिए काम करा रहे थे। इसी दौरान आए भीषण भूकंप में उनके लापता होने की सूचना आई है। सूचना के बाद से ही देहरादून में परिवार के लोग चिंतित और परेशान हैं। वहीं, सरकार की ओर से तुर्की में फंसे लोगों को निकालने के लिए प्रयास शुरू किया गया है। एनडीआरएफ की टीम भी रवाना की गई है।

विदेश मंत्रालय में सचिव पश्चिम संजय वर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि हमने अडाना (तुर्की) में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। 10 भारतीय प्रभावित क्षेत्रों के दूरदराज के हिस्सों में फंसे हुए हैं, लेकिन वे सुरक्षित हैं। एक भारतीय नागरिक जो एक व्यावसायिक यात्रा पर था, लापता है। हम उसके परिवार और बेंगलुरु में कंपनी के संपर्क में हैं, जहां वे काम करते हैं। विजय के भाई अरुण कुमार ने कहा कि मेरा भाई सोमवार से लापता है। मैं भारतीय दूतावास के अधिकारियों के संपर्क में हूं। उन्होंने मुझे बताया है कि जिस प्लांट में विजय काम कर रहा था, उसके अंदर एक बचाव अभियान अभी भी चल रहा है।

अरुण कुमार ने बताया कि मुझे दूतावास द्वारा सूचित किया गया है कि तुर्की में बचाव दल को उस जगह के पास एक पेट्रोल पंप की उपस्थिति के कारण कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। माना जा रहा है कि विजय वहां फंसा हो सकता है। अरुण ने कहा कि मेरा भाई 23 जनवरी को कंपनी के दौरे पर तुर्की गया था। मैंने उससे आखिरी बार 5 फरवरी (रविवार) सुबह बात की थी। पूरा परिवार उसकी सुरक्षा को लेकर चिंतित है।

विजय कुमार मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल जिले की लैंसडाउन तहसील के ढकसुना गांव का रहने वाला है। विजय बेंगलुरु में कार्यरत था। वहीं, उसकी पत्नी और छह साल का बेटा देहरादून के बलावला इलाके में किराए के मकान में रह रहा था। परिवार उसके कुशल इस हादसे निकलने की प्रार्थना कर रहा है।