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हरियाणा में एमएसपी पर फसल बेचने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है. खबर यह है कि अब उन्हें फसल बेचने के 72 घंटे के अंदर ही भुगतान कर दिया जाएगा. इस संबंध में हरियाणा के मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने सभी प्रशासनिक सचिवों, सभी जिलों के उपायुक्तों और रबी फसल की खरीद में शामिल अधिकारियों को निर्देश दिया है. उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि किसानों को जे-फार्म जारी होने के 72 घंटों के अंदर उनकी फसलों का भुगतान उन्हें कर दिया जाए. मुख्य सचिव के निर्देश से किसानों को बड़ी राहत मिलने वाली है,क्योंकि इससे फसल बेचकर उन्हें तुंरत पैसे मिल जाएंगे.
एक अधिकारिक प्रवक्ता से मिली जानकारी के अनुसार मुख्य सचिव ने यह आदेश उस वक्त जारी किया जब वो वरिष्ठ अधिकारियों और जिले के उपायुक्तों के साथ रबी सीजन के खरीद कार्यों की समीक्षा कर रहे थे. हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार इस बैठक के दौरान ही मुख्य सचिव ने आदेश दिया कि सभी फसल बेचने वाले किसानों को जे फार्म जारी किया जाए. साथही जे फार्म जारी करने और किसानों को किए जा रहे भुगतान की निगरानी लिए वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की एक तीन सदस्यीय समिति का भी गठन किया गया है.इससे किसानों को किए जा रहे भुगतान की सही तरीके से निगरानी हो सकेगी.
किसानों की संतुष्टि सर्वोच्च प्राथमिकता
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को सोमवार शाम तक “मेरी फसल मेरा ब्योरा” पोर्टल पर किसानों द्वारा पंजीकृत फसलों का सत्यापन करने के निर्देश दिए है. साथ ही उन्होंने इस बात पर अधिक जोर दिया है कि किसानों की संतुष्टि हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसके अलावा उन्होंने जिला उपायुक्तों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि सभी मंडियों में अटल कैंटीन योजना का संचालन सही तरीके से होना चाहिए.मुख्य सचिव ने खरीद एजेंसियों को खरीदी गई फसलों का समय पर उठान और भंडारण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. मुख्य सचिव ने इस यह भी कहा कि किसानों की सुविधा के लिए अनाज साइलो को भी खरीद केंद्र के रूप में नामित किया गया है, जिससे उन्हें सीधे अपनी फसल बेचने की अनुमति मिलती है.
पहले से उठ रही थी मांग
हरियाणा में एमएसपी पर गेंहू और सरसों की खरीद की जा रही है. सरकार किसानों से 2275 रुपये प्रति क्विटल की दर से गेहूं खरीद रही है. गौरतलब है कि इससे पहले हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग गेहूं और सरसों की खरीद को लेकर बड़ा आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था की अनाज मंडिया सरसों और गेंहू से भरी हुई हैं, क्योंकि इनका उठाव सही तरीके से नहीं हो रहा है. गेहूं का उठाव नहीं होने के कारण मंडियों के बाहर अनाज से भरी हुई ट्रॉलियों की लंबी लाइन लगी हुई है. इसके कारण किसानों आढतियों और मजदूरों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने यह भी कहा था कि किसानों को फसल के पूरे दाम नहीं मिलते हैं. इसके अलावा उन्होंने मांग रखी थी कि फसलों का उठाव और भुगतान 72 घंटे के अंदर हो जाना चाहिए.