जयपुर। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को जान से मारने की धमकी के मामले में राजस्थान कांग्रेस के मुख्यालय प्रभारी, सचिव रामसिंह कस्वां ने भाजपा विधायक मदन दिलावर और कर्नाटक भाजपा नेता मणिकांत राठौड़ के खिलाफ संजय सर्किल थाने में FIR करवाई है। एफआईआर में राजस्थान से भाजपा विधायक मदन दिलावर का भी जिक्र करते हुए कहा गया है कि उन्होंने भी कहा कि मल्लिकार्जुन की उम्र 80 साल की है और अब उन्हें भगवान किसी भी समय अपने पास बुला सकता है।
जयपुर के संजय सर्किल थाने में दर्ज FIR
रामसिंह कस्वां ने जयपुर के संजय सर्किल थाने में दर्ज FIR में यह लिखा है कि मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता हैं। जिनके नेतृत्व में कांग्रेस का कार्यकर्ता जनहित में काम करता है। 7 मई 2023 को सोशल मीडिया पर प्रसारित हुई ऑडियो क्लिप और अखबारों में छपी खबर के माध्यम से जयपुर के पार्टी कार्यालय में भी यह जानकारी में आया कि भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेता और कार्यकर्ता ने मिलकर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को परिवार सहित जान से मारने की परिकल्पना से आपराधिक षड्यंत्र रचा है। इस परिकल्पना को अग्रसर करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के सीतापुरा विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी मणिकांत राठौड़ बातचीत में अन्य व्यक्ति से यह बार-बार कह रहे हैं कि मल्लिकार्जुन खड़गे का मोबाइल नंबर मिल जाए तो वह उसे जान से मार देगा।
विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज
इसके अतिरिक्त भी इस ऑडियो क्लिप में मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए गंदी-गंदी गालियां निकाली गई हैं। एफआईआर में राजस्थान से भाजपा विधायक मदन दिलावर का भी जिक्र करते हुए कहा गया है कि उन्होंने भी कहा कि मल्लिकार्जुन की उम्र 80 साल की है और अब उन्हें भगवान किसी भी समय अपने पास बुला सकता है. ऐसे में सभी तथ्यों को देखते हुए मणिकांत राठौड़, मदन दिलावर और ऑडियो क्लिप में बातचीत करने वाले अन्य व्यक्ति व बीजेपी के अन्य व्यक्तियों ने मिलकर मल्लिकार्जुन खड़गे और उनके परिवारीजनों को जान से मारने के अपराधिक षड्यंत्र को अंजाम देने के लिए प्रयासरत है। मल्लिकार्जुन खड़गे जो अनुसूचित जाति के सदस्य हैं. उनको अपमानित करने के आशय से अपराधिक षड्यंत्र किया गया है. मदन दिलावर, मणिकांत राठौड़ और अन्य लोगों के खिलाफ धारा 504, 505( 2), 506, 302, 120 बी, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम 1989 की धारा 3(1)(s )और धारा 3(1)(r)में मामला दर्ज किया गया है।