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राजसमंद: हैवान ने पहले 15 साल की नाबालिग का अपहरण किया फिर उसे अपने दोस्त के घर ले जाकर हांथ-पैर बांध कर एक कमरे में कैद कर लिया। उसके बाद शुरू हुआ हैवानियत का ऐसा गंदा खेल जिसे सुनकर आपकी रूह कांप उठेगी। 25 दिनों तक इस नाबालिग के साथ लगातार गैंगरेप किया जाता रहा फिर उसे मरणासन्न स्थिति में सूनसान स्थान पर फेंक दिया गया। हैवानियत की ये दास्तां साल 2019 की है जो राजस्थान के राजसमंद जिले में हुई थी। हांलाकि अब इस मामले में पीड़िता को न्याय मिला है और कोर्ट ने दोनों आरोपियों को कड़ी सजा सुनाई है।
विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य ने बताया कि 22 अप्रैल 2019 को नाबालिग पीड़िता की मां ने राजसमंद के देवगढ़ थाने में लिखित रिपोर्ट दी थी कि एक दिन पूर्व सुबह 6बजे उसकी नाबालिग पुत्री गांव में काम के लिए कहकर निकली थी जो वापस नहीं आई, उसकी आसपास तलाश की लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। पूर्व में प्रहलाद गांव में डंपर चलाता था, जो कभी कभी घर पर आया जाया करता था, उसे अंदेशा है कि प्रह्लाद ही उसकी नाबालिग पुत्री को बहला-फुसलाकर ले गया होगा।
पुलिस ने मामला दर्ज कर शुरू की तलाश
देवगढ़ पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद जांच की तो पाया गया कि पीड़िता को आरोपी प्रहलाद नगरची बहला फुसला कर भगा कर अपने दोस्त गणेश के घर लेकर गया, जहां उसने पीड़िता को दो-तीन दिन कैद कर रखा और उसके साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया। इसके बाद गणेश के पिता को पता चलने पर, गणेश प्रहलाद व पीड़िता को अपने खेत पर बनी झोंपड़ी में लेकर गया। जहां पर उसे पंद्रह दिन रखा। यहां पर भी प्रहलाद ने पीड़िता के साथ लगातार दुष्कर्म किया। अधमरा होने पर दोनों नाबालिग को सूनसान स्थान पर फेंक कर भाग गए। स्थानीय लोगों की मदद से किसी तरह पीडिता अपने घर पहुंची।
न्यायालय ने सुनाई कठोर सजा
मामले में विवेचना पूरी होने के बाद कोर्ट ने सुनवाई करते हुए आरोपी प्रहलाद और उसका सहयोग करने वाले उसके साथी गणेश को 20-20 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाने के साथ साथ कोर्ट ने 86 हजार रूपए के अर्थदंड से भी दंडित किया है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने माना कि दोनों ने बेहद संगीन और शर्मनाक अपराध किया है। कोर्ट ने उन्हें नाबालिग का अपहरण, रेप, आदि मामले में सजा सुनाई है।