जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने केंद्रीय बजट 2023-24 पर प्रतिक्रिया दी है। गहलोत ने कहा है कि बजट में केवल मीडिया में हेडलाइन बनाने वाले जुमलों का प्रयोग किया गया है, लेकिन गरीब लोगों के लिए कोरोना काल में संजीवनी साबित हुई महात्मा गांधी नरेगा जैसी योजनाओं में केन्द्र सरकार ने वर्ष 2023-24 का बजट प्रावधान 33 प्रतिशत यानी लगभग 30 हजार करोड़ रुपए कम कर दिया। जो साबित करता है कि यह बजट गरीब, भूमिहीन किसान और आमजन विरोधी है।
इस बजट में कृषि और किसान कल्याण से संबंधित बहुत सारी थोथी घोषणाएं की गई है। लेकिन कृषि और कृषक कल्याण मंत्रालय के बजट में पिछले साल से लगभग 6 प्रतिशत यानी लगभग 7500 करोड़ रुपए कम राशि का प्रावधान किया गया है। इसी तरह यूरिया सब्सिडी मद में पिछले साल की तुलना में 15 प्रतिशत यानी लगभग 23000 करोड़ रुपए की कमी कर दी है।
मंहगाई को कम करने के संबंध में कोई पॉलिसी स्टेटमेंट नहीं
गहलोत बोले- केंद्र सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय, महिला और बाल विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की उपेक्षा करते हुए पिछले सालों की तुलना में इस बजट में ना के बराबर बढ़ोतरी की है। पूरा देश पिछले कुछ सालों से मंहगाई से त्रस्त है।
आम आदमी के रोजाना काम में आने वाले आटा, दालों, तेल, साबुन वगैरह की कीमतों में काफी बढ़ोतरी हुई है। जिससे आम आदमी का जीवन जीना दूभर हो गया है। मंहगाई को कम करने के संबंध में कोई पॉलिसी स्टेटमेंट नहीं आने से आम आदमी का जीवन और भी मुश्किल होगा।
ERCP को राष्ट्रीय दर्जा देने की मांग स्वीकार नहीं करने से प्रदेशवासियों को निराशा
गहलोत ने कहा- केंद्रीय बजट की अगर राजस्थान प्रदेश के संदर्भ में बात की जाए, तो यह बजट प्रदेश के लिए घोर निराशाजनक रहा। राजस्थान के विकास से संबंधित महत्वपूर्ण परियोजना ERCP को राष्ट्रीय दर्जा देने की हमारी वाजिब मांग को केन्द्र सरकार की ओर से स्वीकार नहीं किए जाने से प्रदेशवासियों को निराशा हुई है। जबकि चुनावों को ध्यान में रखते हुए कर्नाटक राज्य को उपरी भद्रा परियोजना के लिए अतिरिक्त सहायता के रूप में 5300 करोड़ रुपए उपलब्ध कराया जाना केंद्र का राजस्थान के प्रति मोदी सरकार के सौतेले व्यवहार को दिखाता है। राजस्थान की जनता इस सौतेले व्यवहार का समय आने पर माकूल जवाब देगी।