मुजफ्फरनगर। प्रदेश में सड़कों को गडढामुक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर से नगरीय निकायों और लोक निर्माण विभाग के साथ ही सभी सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को आदेश जारी किये। मुख्यमंत्री के आदेशों पर जनपद में शहर से गांव देहात तक अपनी सड़कों की दशा सुधारने के लिए लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने दिन रात काम शुरू कर दिया हे। जनपद में कई स्थानों पर आज भी सड़कों का पैचप करने का काम तेजी से हेाता नजर आया।
शासन के आदेश के अनुपालन में जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह द्वारा जनपद में सड़कों को समयब(ता के साथ गडढामुक्त करेन के निर्देश जारी किये हैं। इस अभियान को समय से पूर्ण करने और निगरानी के लिए लोक निर्माण विभाग प्रान्तीय खण्ड के अधिशासी अभियंता एसपी सिंह को नोडल अधिकारी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि शासन की प्राथमिकता पर जनपद में सड़कों को गडढामुक्ति के लिए काम किया जा रहा है। इसके लिए डीएम के निर्देशों के क्रम में जनपद में गड्ढा मुक्ति अभियान चलाया जा रहा है। जिसका उद्देश्य आगामी 15 नवंबर 2021 तक जनपद की सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त किए जाने का आह्वान किया गया है। इसी क्रम में आज खतौली कादली रोड़ से ग्राम चाँदसमद रोड तक जाने वाली रोड पर पैच निर्माण का कार्य कर सड़क को गड्ढा मुक्त किया गया।
उन्होंने कहा कि आज जनपद में अनेक स्थानों पर विभागीय सड़कों को गडढामुक्त करने के लिए विभागीय अफसर पूरी टीम के साथ जुटे हुए हैं। इसके तहत शनिवार को ग्राम खाजांपुर लिंक रोड़ तक जाने वाली रोड पर पैच निर्माण का कार्य कर सड़क को गड्ढा मुक्त किया गया। लोक निर्माण विभाग, मुज़फ्फरनगर द्वारा ग्राम पिमोड़ा से जानसठ-मीरापुर रोड़ पर पैच वर्क का कार्य कराया गया। इसके साथ ही शहर में महावीर चौक से सूजडू चुंगी को जोड़ने वाली प्रमुख सड़क सरकूलर रोड पर भी पैच निर्माण कार्य कराकर उसको गडढामुक्त करने का कार्य किया जा रहा है। वहीं नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर ने भी नगर विकास विभाग के अन्तर्गत आने वाली अपनी सड़कों को सुधारने के लिए गडढामुक्त अभियान चलाने की तैयारी की है। इसके लिए पालिका ने 10 लाख रुपये की लागत से कार्य कराने के लिए टैण्डर निकाला, लेकिन सिंगल टैण्डर होने के कारण इसको निरस्त कर दिया गया है। इसके बाद अब फिर से टैण्डर निकालने की तैयारी की जा रही है। बता दें कि शासन ने नगर विकास विभाग की सड़कों को गडढामुक्त करने के लिए 31 अक्टूबर की तिथि को डेडलाइन घोषित किया है। साथ ही नगरीय निकायों के द्वारा दी गयी उपलब्धि रिपोर्ट पर भी शासन ने इसे कम मानते हुए नाराजगी जताई है।