अच्छे-खासे तगड़े शरीर में कैंसर बना देती हैं ये 5 चीजें, जानते हुए भी लोग नहीं छोड़ते दूसरी आदत

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कैंसर का नाम सुनते हैं दिल बहुत घबरा जाता है। न जाने कैसे-कैसे ख्याल मन में आने लगते हैं। चूंकि ये एक लाइलाज बीमारी है, इसलिए व्यक्ति बहुत जल्दी हार मान जाता है। जैसे-जैसे ये बीमारी बढ़ती है, रोगी के जीने की इच्छा खत्म होती जाती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आजकल हमारे आसपास इतने सारे लोग कैंसर से पीड़ित क्यों हो रहे हैं।

जब से हमने समझना शुरू किया, तब से केवल मलेरिया, पीलिया, हार्ट अटैक जैसी बीमारियों के बारे में ही सुना था। कैंसर को हमेशा ऐसी बीमारी माना जाता था, जो इतने लोगों में से इक्का -दुक्का को ही होती है। पर क्या आज वास्तव में कैंसर के मामले अचानक से बढ़ गए हैं या फिर बेहतर निदान की उपलब्धता के कारण ऐसा हो रहा है।

वैसे डाटा बताता है कि भारत में पिछले कुछ वर्षों में कैंसर से होने वाली मौतों में वृद्धि हुई है। लेकिन हमारे आपके सामान्य शरीर में कैंसर सेल्स आखिर कैसे एक्टिवेट हो जाती हैं, क्यों अचानक से शरीर में कैंसर निकलता है, इसका कारण जानना बेहद जरूरी है।

​कैंसर के कारण…
कोच्चि के अमृता हॉस्पिटल मेडिकल ऑन्कोलॉजी एंड हेमोटोलॉजी के क्लीनिकल एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. वेस्ले एम जोस ने कैंसर के पीछे का कारण बताया है। वह कहते हैं कि कैंसर आंतरिक और बाहरी दोनों कारकों के कारण होता है। आंतरिक कारकों में जेनेटिक म्यूटेशन, हॉर्मोन्स, इम्यून से जुड़ी स्थितियां, ओवर एक्टिवेशन और बाहरी कारकों में धूम्रपान, शराब का सेवन, वायरल इंफेक्शन शामिल है। ये सभी कारक अकेले या एक दूसरे के साथ मिलकर एक सामान्य सेल्स को गंभीर बनाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।

​कैंसर के सामान्य जोखिम कारक
मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के डायरेक्टर डॉ. सत्यम तनेजा बताते हैं कि डॉक्टर यह बखूबी जानते हैं कि कौन सी चीजें आपके कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती हैं, लेकिन ज्यादातर कैंसर ऐसे लोगों में देखा जाता है, जिनमें कोई जोखिम कारक नहीं होते। कैंसर के जोखिम को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार कारक हैं-

​आपकी उम्र
कैंसर को डेवलप होने में सालों लग सकते हैं। इसलिए आपने देखा होगा कि कैंसर से पीड़ित ज्यादातर लोगों की उम्र 65 वर्ष या इससे ज्यादा होती है। बुजुर्ग लोगों में यह आम है। कैंसर खासतौर से वयस्कों को होने वाली बीमारी नहीं है। इसका निदान किसी भी उम्र में किया जा सकता है।
​खराब आदतें

जीवनशैली की कुछ आदतें कैंसर के रिस्क को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार मानी गई हैं। दिन में एक या एक से ज्यादा ड्रिंक लेना, धूप के ज्यादा संपर्क में आना, मोटापा बढ़ना और असुरक्षित यौन संबंध कैंसर को बढ़ा सकते हैं।

​पारिवारिक इतिहास
पारिवारिक इतिहास कैंसर का एक छोटा सा हिस्सा विरासत में मिली स्थिति के कारण होता है। यदि आपके परिवार में कैंसर आम है, तो अगली पीढ़ी को भी इससे खतरा है। ध्यान रखें कि एक जेनेटिक म्यूटेशन होने का मतलब ये नहीं है कि आपको कैंसर हो ही जाएगा।

​मेडिकल कंडीशन
कुछ क्रॉनिक डिजीज जैसे अल्सरेटिव कोलाइटिस कैंसर के विकास के आपके जोखिम को बढ़ा सकते हैं। अगर आप इन बीमारियों से जूझ रहे हैं, तो आप सतर्क रहें और कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
​वातावरण-
आपके आसपास के वातावरण में हानिकारक केमिकल हो सकते हैं, जो आपके कैंसर के खतरे को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं। भले ही आप धूम्रपान नहीं करते, लेकिन आप ऐसी जगह उठ बैठ रहे हैं, जहां लोग धूम्रपान करते हैं, इससे भी कैंसर का रिस्क बढ़ जाता है।