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शिमला। कोविड के कारण अनाथ हुए भाई-बहन को हाई कोर्ट की किशोर न्याय समिति के दखल के बाद बड़ी राहत मिली है। इन्हें ऋण चुकाने का नोटिस मिलने पर किशोर न्याय समिति के अध्यक्ष एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने महिला एवं बाल विकास विभाग से रिपोर्ट मांगी थी। समिति ने मीडिया में आई खबर पर संज्ञान लिया था। इस संबंध में सोमवार को हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार नियमद्ध कार्यालय में रिपोर्ट दर्ज की गई। इसमें बताया गया है कि बच्चों के माता-पिता ने सहकारी समिति बदेड़ा ऊना से 1.83 लाख रुपये का ऋण लिया है, लेकिन इसे भर नहीं सके। दोनों बच्चों के पास बीपीएल राशन कार्ड था, लेकिन इन्हें आयुष्मान भारत योजना में शामिल नहीं किया गया है।
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रिपोर्ट में बताया गया है कि विभाग ने इनके कल्याण के लिए कदम उठाए हैं। दोनों बच्चे वर्ष 2021में कोविड के कारण अनाथ हुए हैं। दोनों पोषक देखभाल कार्यक्रम के अंतर्गत आते हैं। इन्हें वित्तीय सहायता के रूप में 1500-1500 रुपये सरकार के बजट से हर माह दिए जा रहे हैैं। पालक देखभाल सहायता के रूप में 2500-2500 रुपये हर माह दिए दिए जा रहे हैैं। जिला बाल संरक्षण अधिकारी ऊना इन्हें आयुष्मान भारत योजना में शामिल करेंगे। रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद किशोर न्याय समिति ने निदेशक को मामले में आगे की प्रगति के बारे में बताने को कहा है।