हिमाचल मे रॉकस्टार टमाटर ने उड़ाए किसानों के होश, न आकार आया न ही रंग

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सोलन :सोलन जिले में रॉकस्टार टमाटर ने किसानों के होश उड़ा दिए हैं। पांच माह से टमाटर में न आकार आया है और न ही रंग। टमाटर का बिगड़ा आकार होने से सब्जी मंडी में इसके अच्छे दाम भी नहीं मिल रहे हैं। आढ़ती टमाटर को लेने से साफ इंकार रहे हैं। मजबूरन, किसानों ने इसे तोड़कर खेतों के किनारे फेंक दिया है। कुछ किसानों ने टमाटर की हरी फसल उखाड़ने का कार्य शुरू कर दिया है। यह समस्या सिर्फ उन्हीं किसानों को आई है, जिन्होंने रॉक स्टार कंपनी का यह बीज लगाया था।

हालांकि, पिछले वर्ष इस बीज का काफी अच्छा परिणाम रहा है। इससे किसानों ने इस बार इसे भारी मात्रा में भी लगाया है। इसकी जानकारी किसानों ने कंपनी प्रबंधन को भी दी है। फसलों में आई इस दिक्कत से कंपनी के भी हाथ-पांव फूल गए हैं। अभी तक यह समझ नहीं आया है कि बीज में यह समस्या कैसे आई है। हालांकि, कंपनी किसानों की हरसंभव मदद करने का वायदा कर रही है।

पौधा स्वस्थ, फल भी अच्छा
किसानों ने इस बार रॉक स्टार कंपनी का ही टमाटर का बीज खरीदा और खेतों में लगाया। इसके पौधे स्वस्थ हैं, फल भी अच्छा आया है, लेकिन जो फल लग रहे हैं वह बिगड़े आकार हैं और टमाटर के सिरे पर कैट फेस का निशान भी है। बिगड़े आकार व कैट फेस वाले टमाटर को कोई भी खरीदने को तैयार नहीं है। मंडी में आढ़ती 50 रूपए में भी पूरा क्रेट खरीदने को तैयार नहीं हैं।

इन क्षेत्रों से आई दिक्कत
कंडाघाट के आसपास के क्षेत्रों चौड़ा, कशावला, चायल, सोलन के समीप चिल्ला, मझगांव, बसाल सहित अन्य क्षेत्रों में भी किसान इस तरह की शिकायत कर रहे हैं। कई क्षेत्रों में किसान पौधे उखाड़कर अन्य फसलें लगाने की तैयारी कर रहे हैं। देवली की सेर गांव के हरिकृष्ण (काका) ने बताया कि उनकी टमाटर की फसल खराब होने के कारण उन्होंने इसे उखाड़ दिया है। दूसरी फसल लगाने की तैयारी कर रहे हैं। कशावला गांव के तेंजेंद्र ठाकुर की फसल में भी यही समस्या आई है। उन्होंने टमाटर तोड़कर खेतों के किनारे फेंक दिए हैं।

किसानों से की जा रही बात
रॉक स्टार कंपनी के प्रतिनिधि देवीदास ठाकुर ने बताया कि बीज के डीलरों के माध्यम से उन्हें इसकी जानकारी मिली थी। इसके बाद स्वयं किसानों के खेतों का दौरा किया। खेतों में पाया कि टमाटर के पौधे स्वस्थ हैं, सेटिंग भी अच्छी हुई है लेकिन फल बिगड़े आकार के हैं। फलों के सिरे पर कैट फेस निशान बना है। इस वर्ष यह समस्या किस कारण से आई है इसका पता लगाया जाएगा। कई किसानों से उनकी बात हुई है और आश्वासन दिया है कि वह हरसंभव मदद करने की कोशिश करेंगे।